हैदराबाद में 5 फरवरी को पीएम मोदी करेंगे संत रामानुजाचार्य की प्रतिमा का करेंगे अनावरण
पीएम नरेंद्र मोदी हैदराबाद में संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की प्रतिमा का 5 फरवरी का अनावरण करेंगे। इसके लिए मोदी शनिवार को हैदराबाद के लिए रवाना होंगे और यहां 2 बजकर 45 मिनट पर पाटनचेरु में स्थित इंटरनेशनल कॉर्प्स रिसर्च इंस्टीट्यूच फॉर सेमी एरिड ट्रॉपिक्स कैंपस का दौरा करेंगे। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी शाम 5 बजे स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी देश को समर्पित करेंगे।
इतने फीट की है स्टैच्यू
संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की प्रतिमा 216 फीट ऊंची है। यह स्टैच्यू भक्ति संत श्री रामानुजाचार्य की याद में बनाई गई है, जिन्होंने आस्था, जाति समेत जीवन के सभी पहलुओं में समानता के विचार को बढ़ावा दिया। दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा में 1800 टन से अधिक पंच लोहा का इस्तेमाल किया गया है जिसमें सोना, चांदी, तांबा, पीतल और जस्ता शामिल है. मूर्ति और मंदिर परिसर की पूरी परिकल्पना त्रिदंडी श्री चिन्ना जीयर स्वामी ने की है।
रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा को दिखाया जाएगा
बता दें कि कार्यक्रम के दौरान श्री रामानुजाचार्य की जीवन यात्रा और शिक्षा पर थ्रीडी प्रेजेंटेशन मैपिंग प्रदर्शित की जाएगी। वहीं पीएम मोदी इस दौरान 108 दिव्य देशमों के आइडेंटिकल रिक्रिएशन का भी दौरा करेंगे जो स्टैच्यू ऑफ इक्वलिटी को घेरे हुए हैं।
इस तरह से किया जाएगा प्रतिमा का अनावरण
रामानुजाचार्य एक महान सुधारक थे जिन्होंने 1,000 साल पहले मौजूद समाज में कई कुरीतियों को खत्म करने का काम किया। बता दें, स्टैच्यू ऑफ इक्वालिटी का अनावरण बुधवार से शुरू हुए 12 दिवसीय रामानुज सहस्राब्दी समारोह के तहत किया जाएगा। वैष्णव संत रामानुजाचार्य की 1000वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुरू हुए इस समारोह के दौरान 2 से 14 फरवरी तक हर दिन 1,035 कुंडों के साथ 14 दिनों तक एक महायज्ञ किया जाएगा।
ICRISAT के लोगो का भी अनावरण करेंगे मोदी
इससे पहले अपने दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री ICRISAT की 50वीं वर्षगांठ समारोह की शुरुआत करेंगे। पीएम मोदी पौधों के संरक्षण पर ICRISAT की क्लाइमेट चेंज रिसर्च फेसिलिटी और रैपिड जेनरेशन एडवांसमेंट फेसिलिटी का भी उद्घाटन करेंगे। ये दो सुविधाएं एशिया और उप-सहारा अफ्रीका के स्मॉलहोल्डर किसानों को समर्पित हैं। इस दौरान मोदी विशेष रूप से डिजाइन किए गए ICRISAT के लोगो का भी अनावरण करेंगे और इस अवसर पर जारी एक स्मारक डाक टिकट भी लॉन्च करेंगे। ICRISAT अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो एशिया और उप सहारा अफ्रीका में विकास के लिए कृषि अनुसंधान करता है।