TrendingUttar Pradesh

ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के प्रयासों की श्रृंखला में उपयोगी है पीएम गतिशक्ति: मुख्यमंत्री

यह योजना ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के प्रयासों की श्रृंखला में अत्यंत उपयोगी है।

परियोजनाओं के नियोजन के लिए  करें पीएम गतिशक्ति पोर्टल का प्रयोग

 मंत्रिपरिषद के सदस्यों के साथ मुख्यमंत्री जी ने की पीएम गतिशक्ति के क्रियान्वयन की समीक्षा

मुख्यमंत्री का निर्देश, ₹50 करोड़ से ऊपर की चालू एवं भविष्य की परियोजनाओं को पोर्टल पर उपलब्ध कराएं

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज लोकभवन में मंत्रिपरिषद के सदस्यों की उपस्थिति में पीएम गति शक्ति योजना यानी ‘नेशनल मास्टर प्लान फॉर मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी प्लान’ की प्रदेश में प्रगति और भावी कार्ययोजना की समीक्षा की।इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि भूमि अभिलेख, ड्रेनेज, बिजली ट्रांसमिशन, सड़क, सीवर लाइन, जलापूर्ति, बिजली पोल, ट्रैफिक लाइट पोल, बस टर्मिनल आदि की जानकारी भी गतिशक्ति पर हो उपलब्ध |

आइये जानते है समीक्षा बैठक के दौरान सीएम योगी के द्वारा सखा किये गए कुछ मुख्य बिंदु ….

■ सीएम योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी इनोवेटिव विचारों से पूरित पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान का शुभारंभ भारत सरकार द्वारा किया गया है। यह योजना ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग के प्रयासों की श्रृंखला में अत्यंत उपयोगी है।

■ प्रायः एक विभाग की परियोजना की जानकारी, उसकी अद्यतन स्थिति और उनकी भावी कार्ययोजना की जानकारी दूसरे विभागों के पास नहीं होती है। समन्वय एवं सूचना साझाकरण की कमी के कारण मैक्रो नियोजन और माइक्रो कार्यान्वयन के बीच एक व्यापक अंतर होता है। विभाग प्रायः अलगाव की स्थिति में कार्य करते हैं। ऐसे में एक योजना दूसरी योजना के क्रियान्वयन पर गलत प्रभाव भी डाल सकती है। पीएम गतिशक्ति इस समस्या का स्थायी समाधान है। पोर्टल के माध्यम से हर विभाग/मंत्रालय दूसरे की योजना/परियोजना से अपडेट रहेगा और उसी के अनुसार अपने कार्यों को आकार दे सकेगा।

कारगिल विजय दिवस : हमीरपुर पहुंच सीएम जयराम ठाकुर दी शहीदों को श्रद्धांजलि

■ पीएम गतिशक्ति के माध्यम से विभिन्न मंत्रालयों एवं विभागों की सभी वर्तमान तथा भावी कार्यवाहियों को एक केंद्रीयकृत पोर्टल में सम्मिलित किया जाएगा। क्रॉस-सेक्टोरल इंटरेक्शन के माध्यम से परियोजनाओं की प्राथमिकता तय होगी। मास्टर प्लान बनाने में सहायता मिलेगी साथ ही परियोजनाओं की रीयल टाइम मॉनीटरिंग भी संभव हो सकेगी।

■ पीएम गतिशक्ति के सफल क्रियान्वयन से हमें ज़मीनी स्तर पर काम में तेज़ी लाने, लागत में कमी करने में मदद मिलेगी। यह रोज़गार पैदा करने पर ध्यान देने के साथ-साथ आगामी चार वर्षों में बुनियादी अवसंरचना परियोजनाओं की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन भी सुनिश्चित करेगी। पीएम गतिशक्ति के माध्यम से मौजूदा और प्रस्तावित कनेक्टिविटी परियोजनाओं की मैपिंग में मदद मिलेगी।

■ पीएम गति शक्ति-एनएमपी के कार्यान्वयन हेतु प्रदेश में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग और इन्वेस्ट यूपी नोडल संस्थाएं हैं। प्रदेश में पीएम गतिशक्ति के सम्बंध में शासन स्तर पर तीन अलग-अलग समितियां गठित की जाएं।

■ मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सचिव स्तरीय अधिकारियों का एक अधिकार प्राप्त समूह हो, जो लॉजिस्टिक्स दक्षता की जांच के लिए योजना के कार्यान्वयन की समीक्षा करेगा। साथ ही योजना में संशोधन हेतु निर्धारित फ्रेमवर्क एवं मानकों को अपनाने, उद्देश्यों को प्राप्त करने तथा पीएम गति शक्ति एनएमपी के मार्गदर्शक सिद्धांतों के लिए उचित दिशा-निर्देश जारी करने के सम्बंध में आवश्यक कार्यवाही करेगा।

■ इन्वेस्ट यूपी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में एक टेक्निकल सपोर्ट यूनिट हो। यह इकाई आर्थिक विकास विशेषज्ञ, पीएमयू-लाजिस्टिक्स एवं सप्लाई चेन विशेषज्ञ आदि द्वारा तकनीकी एवं परियोजना प्रबंधन सेवा प्रदान करेगी। इस इकाई के लिए अलग-अलग विभागों से ऊर्जावान योग्य और दक्ष अधिकारियों का चयन कर प्रतिनियुक्त किया जाए।

■ यह संतोषप्रद है कि गतिशक्ति पोर्टल पर अब तक नहर, औद्योगिक पार्क, नदियां, जल संसाधन, खनन, पर्यटन, आर्थिक परिक्षेत्र, बाढ़ मानचित्र, वन आदि 17 विषयों (लेयर्स) को एकीकृत किया जा चुका है। पोर्टल को और उपयोगी बनाने के लिए पोर्टल पर भूमि अभिलेख, ड्रेनेज, बिजली ट्रांसमिशन, सड़क, सीवर लाइन, जलापूर्ति, बिजली पोल, ट्रैफिक लाइट पोल, बस टर्मिनल और सरकारी भवनों का विवरण भी अपडेट किया जाए। इसी प्रकार किसान बाजार, डेयरी, आईटी एंड इलेक्ट्रॉनिक, आबकारी, खाद्य सुरक्षा, सिटी मास्टर प्लान, स्कूल/कॉलेज, मंडी अवस्थापना आदि विषयों को भी पोर्टल पर स्थान दिया जाए। यह कार्य आगामी 03 माह में पूर्ण कर लिया जाए।

■ गति शक्ति पोर्टल पर सभी सम्बंधित विभाग अपनी परियोजनाओं की अपडेट जानकारी उपलब्ध कराएं। विभागों के बीच परस्पर समन्वय होना चाहिए। डेटा शुद्ध हो, सत्यापित हो।

■ माननीय मंत्रीगण विभागीय परियोजनाओं की समीक्षा करते समय गतिशक्ति के क्रियान्वयन की अपडेट जरूर प्राप्त करें।

■ आदरणीय प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार द्वारा पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना 2022-23 के तहत पीएम गति शक्ति से संबंधित व्यय के लिए 5,000 करोड़ रुपये रखे गए हैं। राज्य सरकार द्वारा इस योजना के तहत 900 करोड़ के प्रोजेक्ट का चयन कर लिया गया है। संबंधित प्रस्ताव केंद्र सरकार को तत्काल भेज दिया जाए।

■ पीएम गतिशक्ति के सुगम क्रियान्वयन के लिए तकनीकी दक्षता जरूरी है। भारत सरकार के सहयोग से राज्य के अधिकारियों को क्षमता विकास का प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षित अधिकारी अब अपने सहकर्मियों/अधीनस्थ कार्मिकों को प्रशिक्षित करें। प्रशिक्षण का यह क्रम सतत जारी रखा जाए।

■ ₹50 करोड़ से ऊपर की चालू एवं भविष्य की परियोजनाओं को पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाए।

■ सभी विभाग भावी परियोजनाओं के नियोजन के लिए अनिवार्य रूप से गतिशक्ति पोर्टल का ही प्रयोग करें। पोर्टल आधारित एप विकसित कराकर उसे विभागीय कार्यप्रणाली में अंगीकृत किया जाना चाहिए।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: