
जंतर-मंतर पर राहुल के साथ हो गया खेला, टीएमसी के साथ कई पार्टियों के नेता नदारद
इससे पहले राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट मीटिंग में आम आदमी पार्टी और बसपा शामिल नहीं हुई थी।
विपक्षी दल बीजेपी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। वह हर कोशिश आजमा लेना चाहती है, जो मोदी सरकार को सत्ता से खदेड़ सके। इस कोशिश में वैसे तो सभी दल शामिल हैं, लेकिन कांग्रेस नेता राहुल गांधी सबसे ज्यादा एक्टिव हैं। वह किसी भी घटना का ठिकरा मोदी सरकार पर किसी न किसी तरीके से फोड़ ही देते हैं। शुक्रवार को जंतर-मंतर पर राहुल गांधी ने अन्य पार्टियों के नेताओं के साथ किसान आंदोलन में हिस्सा लिया। इस प्रदर्शन में कुछ पार्टियां नदारद रहीं।
साथ ही बाकी पार्टियों से भी सपोर्ट मांगते रहते हैं। केंद्र सरकार को घेरने के लिए लगातार राहुल गांधी विपक्षी एकता को मजबूत करने की कोशिशों में लगे हुए हैं और आए दिन मीटिंग करते रहते हैं। लेकिन हर बार कोई न कोई विपक्षी दल धोखा दे जाता है। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने नारे लगाए और उनके हाथ में ‘सेव फार्मर्स, सेव इंडिया’ यानी ‘किसान बचाओ, देश बचाओ’ के पोस्टर दिखे। लेकिन इस बार टीएमसी का कोई भी प्रतिनिधि नहीं दिखा। जंतर-मंतर पर विपक्षी दलों के जमावड़े से ममता बनर्जी की टीएमसी, अरविंद केजरीवाल की आप और मायावती की बसपा अलग रही।
इससे पहले राहुल गांधी की ब्रेकफास्ट मीटिंग में आम आदमी पार्टी और बसपा शामिल नहीं हुई थी। बता दें कि जंतर-मंतर पर प्रदर्शन से पहले कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक में यह फैसला किया गया। इस बैठक में राहुल गांधी के अलावा राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा एवं जयराम रमेश, द्रमुक के टीआर बालू, शिवसेना के संजय राउत और अन्य विपक्षी दलों के नेता शामिल हुए।