हाइब्रिड बीजों से तिलहन की पैदावार बढ़ाने की योजना, 3.8 करोड़ टन तिलहन पैदावार का इस वर्ष रखा गया लक्ष्य
नई दिल्ली : इस बार दलहनी फसलों के साथ आने वाले रबी के सीजन में तिलहनी फसलों की खेती पर अधिक जोर दिया जाएगा। कई तरह की तैयारियां इसके लिए की जा रही हैं। दलहनी फसलों के रकबा को बढ़ाने के लिए सीमित संभावना पर सारा जोर उन्नत बीजों पर दिया जायेगा। जिससे उसकी उत्पादकता बढ़ सके।
हाइब्रिड सरसों तथा अधिक उपज वाले बीज पहले से ही तैयार किए गए हैं। रबी की फसल के सीजन में पैदा होने वाली सरसों की कुल खेती में इन प्रजातियों की भागीदारी 40% तक वृद्धि की है।
तिलहनी फसलों की पैदावार उत्पादकता के सहारे बढ़ाने में बहुत मदद हो जाएगी। कृषि वैज्ञानिकों का कहा है कि किसानों को भी इस प्रकार की उन्नत प्रजातियों के आने से दलहनी तथा तिलहनी फसलें लुभाएंगी। रबी सीजन अभियान सम्मेलन में सितंबर के पहले हफ्ते में प्रस्तावित राज्यों को इनके लिए बनाया जाएगा।
राज्यों में किसानों तक उन्नत बीजों को पहुंचाने के लिए खास अभियान चलाया जाएगा। केंद्रीय कृषि आयुक्त सुरेश मल्होत्रा ने कहा कि राज्यों की जरूरत के हिसाब से रबी अभियान सम्मेलन के दौरान तैयारी की जाएगी।
हाइब्रिड सरसों की उत्पादकता तिलहन में 40 क्विंटल प्रति हेक्टेअर हो सकती है। इससे ज्यादा उपज वाली सरसों की उत्पादकता 25 क्विंटल पहुंच सकती है। सामान्य प्रजाति वाली सरसों की पैदावार 10 से 15 क्विंटल प्रति हेक्टेअर हो रही है।
सरसों की पैदावार आगामी रबी सीजन में 1.20 करोड़ टन से ज्यादा होने का लक्ष्य रखा गया है। 3.6 करोड़ टन के मुकाबले बढ़ाकर 3.8 करोड़ टन तिलहन की कुल पैदावार का लक्ष्य बनाया गया है। सरसों की खेती जिन राज्यों में होती है समय से किसानों के लिए वहां उन्नत प्रजाति वाले बीजों को पहुंचाने को कहा गया है।