India Rise Special

हरियाणा में बेटियों की सुरक्षा के लिए संचालित होगी पिंक बसें, जानिए क्या – क्या रहेंगी सुविधा

हिसार। हरियाणा सरकार द्वारा बेटियों की सुरक्षा को लेकर पिंक बसों का संचालन शुरू किया जा रहा है. हालांकि ये पिंक बसे बीते दो सालों से हिसार डिपो पर धुल खा रही है. इसकी कई तरह की वजह है, इनमें मुख्य वजह रोडवेज प्रशासन भी इन बसों की सुध नहीं ले रहा। रोडवेज प्रशासन ने अपनी सहूलियत के लिए एक बस को कैश ढोहने में लगा दिया है और एक बस को फ्लाइंग बस बना दिया है। जब भी कैश ढोने या बस में चेकिंग के लिए फ्लाइंग इन बसों का इस्तेमाल करती है। बाकी बसें डिपो में खड़ी है.

ये भी पढ़े :- हिसार में आज रात मौसम बदलने की मौसम विभाग ने जताई संभावना, जानिए किन जिलों में हो सकती है बारिश

बीते तिन सालों से हिसार डिपो में नौ पिंक बसे खड़ी है. जिनमें से सात पिंक मिनी बसें हिसार और दो बसें हांसी डिपो को सौपी गयी है. दरअसल, हरियाणा सरकार ने महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने को लेकर पिंक मिनी बसों का संचालन शुरू करने का फैसला लिया था. जिसके चलते बसों से छात्राएं स्कूल, कालेज तक पहुंच सके। यह बसें स्पेशल महिलाओं के लिए थी। ऐसे रूटों पर चलानी थी, जहां पर महिलाएं ज्यादा है। यह शुरुआत में सही ढ़ंग से चली थी। कोविड में बंद हुई थी, जोकि अब तक शुरू नहीं हो पाई है। इन बसों को चलाने को लेकर रोडवेज प्रशासन भी गंभीर नजर नहीं आ रहा। ऐसे हालात में इन पिंक मिनी बसों का लाभ महिलाओं को नहीं मिल रही है।

ये भी पढ़े :- यूपी: थाने में भड़के योगी के मंत्री, बोले- FIR नहीं तो मंत्री पद से दे दूंगा इस्तीफा

छात्राओं ने कई बार सौपा ज्ञापन

रोडवेज प्रशासन पिंक मिनी बस का संचालन शुरू करने को लेकर छात्राओं ने कई बार ज्ञापन सौपा है। उकलाना, अग्रोहा, बालसमंद, बरवाला रूट की छात्राएं बसें चलाने की मांग कर चुकी है। शुरू में यह बसें सात रूटों पर चलती थी। सुबह छात्राओं को शहर छोड़ने और का लेज समय के बाद वापस घर छोड़ने का काम करती थी। अब ऐसा नहीं है। छात्राएं बसों में लटककर सफर करने को मजबूर है और भीड़ ज्यादा हो जाती है। कई बार समय पर बस नहीं मिलती।

ये भी पढ़े :- वाराणसी: पीएम मोदी का काशी दौरा, नमो घाट पर आयोजन की तैयारी

रोडवेज ने कही ये बात

बसों का संचालन न शुरू होने को लेकर रोडवेज प्रशासन द्वारा दी गयी दलीलों में बताया गया कि, ”स्टाफ की काफी कमी है। दूसरा इन पिंक मिनी बसों में सीटे कम है, जिस कारण सभी सवारियां नहीं आती है। यहां लाकल रूट है, जहां पर सवारियां ज्यादा होती है। इन बसों में भीड़ ज्यादा होने से हादसे का अंदेशा रहता है। एक रूट पर दो बसें चलाने की जरूरत है। कुछ चालक स्वास्थ्य विभाग को दिए हुए है। स्टाफ मिलने के बाद ही बसों को चलाना संभव है।”

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: