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एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका को किया खारिज

कामुक और व्यभिचारी जीवन पर कोर्ट की मोहर लगाने का प्रयास

एक मुस्लिम व्यक्ति को दूसरी शादी के बाद सुरक्षा के लिए पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करना पद गया भारी। हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने सुरक्षा से इनकार कर दिया। फैसले को खंडपीठ में चुनौती दी गई। एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका को किया खारिज|

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खंडपीठ ने कहा कि सुरक्षा का अधिकार संवैधानिक है। खंडपीठ ने फैसले में बदलाव कर मालेरकोटला के SSP को सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया है लेकिन जुर्माना नहीं हटा है। मुस्लिम युवक ने याचिका के माध्यम से हाईकोर्ट को बताया कि पहली पत्नी से तलाक लेने के बाद उसने दूसरा विवाह किया है।

बता दें कि जब हाईकोर्ट ने जब तलाक के दस्तावेज देखे तो पाया कि इस पर पत्नी के हस्ताक्षर नहीं थे। हाईकोर्ट ने कहा कि यह याचिका और कुछ नहीं बल्कि कामुक और व्यभिचारी जीवन पर कोर्ट की मोहर लगाने का प्रयास है।

कोर्ट बच्चों का कानूनी संरक्षक होता है और ऐसे में उन्हें यूं ही नहीं छोड़ा जा सकता है। हाईकोर्ट ने युवक से पूछा कि वह कितना गुज़ारा भत्ता देगा तो बदले में कोई जवाब नहीं आया जिस कारण हाईकोर्ट ने एक लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए याचिका को खारिज कर दिया।

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