
पंचायत चुनाव : मतगणना निष्पक्ष होती तो नतीजे और बेहतर होते: मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा है कि पंचायत चुनाव और मतगणना स्वतंत्र व निष्पक्ष होती तथा एक-एक सीट पर पार्टी के कई-कई लोग खड़े न होते तो बसपा का प्रदर्शन और बेहतर होता। उन्होंने कहा है कि पंचायत चुनाव में सत्ता और सरकारी मशीनरी के भारी दुरुपयोग के बावजूद बसपा के लिए चुनाव के नतीजे अति उत्साहवर्धक हैं। आगामी विधानसभा चुनाव के लिए ये नतीजे नई ऊर्जा, जोश भरने व हौसले बुलंद करने वाले हैं।

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मायावती ने यहां एक बयान में कहा कि पंचायत चुनाव व मतों की गणना में सत्ता व सरकारी मशीनरी का जमकर दुरुपयोग किया गया। विरोधी पार्टियों द्वारा अपार धनबल के अनुचित इस्तेमाल के बावजूद बसपा ने पूरे प्रदेश में शानदार रिजल्ट दिया है। उन्होंने कहा जितने भी निर्दलीय उम्मीदवार कामयाब हुए हैं उनमें से ज्यादातर बसपा से ही जुड़े हुए लोग हैं। उन्होंने कहा जिन जिलों में बसपा समर्थित उम्मीदवार के लिए आम सहमति बन गई वहां अच्छा रिजल्ट आ गया। जिन जिलों में आम सहमति नहीं बनी और एक-एक सीट पर कई लोग बसपा का झंडा बैनर लेकर चुनाव लड़ते रहे वहां सामान्य सीटों पर तो पार्टी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।
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वहां दलितों ने बसपा का जीतने वाला उम्मीदवार देखकर एकतरफा वोट ट्रांसफर कर दिया। इनमें काफी उम्मीदवार चुनाव जीत गए। इनकी गिनती निर्दलीय के रूप में हो रही है। लेकिन सुरक्षित सीटों पर पार्टी के कई- कई उम्मीदवार खड़े होने से ऐसा नहीं हो सका। वहां पर ज्यादा फायदा विरोधी पार्टियों की पहुंचा। मायावती ने कहा बड़े जिलों में से कुछ जिलों को छोड़कर अधिकतर जिलों में पार्टी का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। उन्होंने कहा कि आगरा, मथुरा, मेरठ, बुलंदशहर, गाजियाबाद, सहारनपुर, मुरादाबाद, हापुड़, शाहजहांपुर, कानपुर देहात, जालौन, बांदा, चित्रकूट, लखीमपुर खीरी, हरदोई, सुल्तानपुर, बलरामपुर, संतकबीर नगर, महाराजगंज, आजमगढ़, मऊ, प्रयागराज, भदोही, मिर्जापुर व चंदौली आदि जिलों में बीएसपी का रिजल्ट बेहतर आया है।