डॉक्टर्स डे के मौके पर पीएम मोदी ने अदा किया शुक्रिया, डॉक्टरों का बढ़ाया हौसला
पहली बार डॉक्टर्स डे 1991 में मनाया गया था। बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बीसी रॉय के सम्मान और मानवता की सेवा में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया गया था।
डॉक्टरों के जज्बे को सलाम करने के लिए 1 जुलाई को नेशनल डॉक्टर्स डे मनाया जाता है।
कोरोना की वजह से लाखों लोगों ने अपनी जान गंवाई। हालांकि, इससे डॉक्टर भी अछूते नहीं रहें।
कोरोना ने अपनी चपेट में कई डॉक्टरों को भी लिया। ये महामारी जैसे-जैसे फैली। लोग घरों में कैद हो गए।
इसके विपरीत, कोरोना वॉरियर्स पीछे नहीं हटे। इस जंग में कई डॉक्टरों ने अपनी जान गंवा दी।
इसके बावजूद, डॉक्टर्स लोगों की लगातार सेवा करते रहे। डॉक्टरों ने 24 घंटें मरीजों का इलाज किया।
डॉक्टर्स डे के मौके पर प्रधानमंत्री मोदी, उपराष्ट्रपति और राहुल गांधी समेत कई हस्तियों ने
डॉक्टर्स के योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद कहा है। पीएम मोदी ने मन की बात का एक वीडियो ट्विटर पर शेयर किया।
उन्होंने लिखा कि डॉक्टर्स डे पर सभी डॉक्टर्स को शुभकामनाएं। चिकित्सा की दुनिया में भारत की प्रगति सराहनीय है।
इसने हमारे ग्रह को स्वस्थ बनाने में योगदान दिया है।
नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने की खास वजह
पहली बार डॉक्टर्स डे 1991 में मनाया गया था। बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. बीसी रॉय के सम्मान और मानवता की सेवा में उनके योगदान को मान्यता देने के लिए मनाया गया था। डॉ. रॉय एक महान चिकित्सक थे, जिन्होंने चिकित्सा क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया। उनका जन्म 1 जुलाई, 1882 को हुआ था और इसी तारीख को 1962 में उनकी मृत्यु हो गई।
आज भी वह डॉक्टरी पेशे में आने वाले लोगों के लिए एक आदर्श के तौर पर हैं।
आजादी के आंदोलन के समय उन्होंने घायलों और पीड़ितों की निस्वार्थ भाव से सेवा की थी। वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने लिखा कि इस डॉक्टर दिवस पर चिकित्सा बिरादरी के सभी सदस्यों की निस्वार्थ सेवा करने और अपनी जान जोखिम में डालकर
दूसरों की जान बचाने के लिए सलाम करता हूं।