
सरकारी स्कूलों में अब ‘गिनतारा’ से नहीं ‘अंकों के जादू’ से गणित सीखेंगे बच्चे
सरकारी स्कूलों में पाठ्य पुस्तकों के बदले गए नाम, पाठ्यक्रम में नहीं हुआ कोई परिवर्तन। छप चुकी हैं किताबें, जल्द ही विद्यालयों में पहुंच जाएगी।
लखनऊ : उत्तरप्रदेश शासन ने परिषदीय स्कूलों में क्लास 2 से 8 तक की किताबों के नाम बदल दिए हैं। अब सरकारी स्कूल के बच्चे गणित में गिनतारा की जगह अंकों का जादू, अंक जगत, गणित ज्ञान तो हिंदी में कलरव की जगह किसलय, पंखुड़ी, फुलवारी, वाटिका जैसी किताबें पढ़ेंगे । कवर पेज को भी बच्चों की अभिरुचि के अनुसार तैयार किया गया है, जबकि सेलेब्स में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
नए नाम के साथ परिषदीय स्कूलों की पुस्तकें छपकर जिलों में पहुंचने लगी हैं। हिंदी मीडियम के साथ-साथ अंग्रेजी मीडियम की पुस्तकों के नाम भी बदले गए हैं। पाठ्य पुस्तकों के साथ कार्य पुस्तिका के नाम भी बदले गए हैं, जो किताब के नाम से मिलते-जुलते हैं।
सरकारी स्कूलों में अभी तक कक्षा दो से लेकर पांच तक की सभी विषय की किताबों के नाम एक जैसे और छह से लेकर आठ तक की पुस्तकों के नाम एक ही थे। इससे बच्चों में काफी संदेह की स्थिति रहती थी। बच्चों की अभिरुचि को ध्यान में रखते हुए यूपी सरकार ने पुस्तकों के नाम परिवर्तन कर सरल और रोचक कर दिया है। इससे बच्चों को पुस्तकों का नाम याद रखने में सहूलियत होगी।
इसके साथ ही किताबों के कवर को पेज को भी बदला गया है। इसके अलावा मुख्य पेज को भी काफी रचिकर रंग और आकृति से सजाया गया है, जो बच्चों को उसकी ओर आकर्षित करें। पाठ्य पुस्तकों के साथ कार्यपुस्तिका नाम भी बदला गया है। जो पुस्तक के नाम से मिलते-जुलते ही हैं।
आंग्ला भाषा शिक्षा संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ. स्कंद शुक्ला ने बताया कि यूपी सरकार ने एक अच्छी पहल करते हुए बच्चों की आयु वर्ग और उनकी रुचि के मुताबिक पाठ्य पुस्तकों के नाम और कवर पेज बदले गए हैं। उत्तर प्रदेश दूरस्थ BTC शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव का कहना है कि किताबों के नाम परिवर्तित कर सरल व रोचक रखने से बच्चों को विषय के नाम याद रखने में आसानी होगी।
यह भी पढ़ें: उत्तरप्रदेश में अब शनिवार को केवल दूसरी डोज वालों को लगेगी कोविड वैक्सीन