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अब भारत के इस एयरपोर्ट पर है अडानी समूह की नजर, अक्टूबर से हो सकती है शुरुआत

गुवाहाटी के एयरपोर्ट पर अब अडानी समूह की नजर है। गुवाहाटी के प्रसिद्ध गोपीनाथ बोरदोलोई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर अडानी समूह ने अपना ‘अवलोकन काल’ की शुरूआत कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि मुख्य हवाई अड्डे के विकास तथा आधुनिकीकरण के लिए पूर्वोत्तर भारत के अपने जनादेश के भाग के रूप में किया जा रहा है।

भारतीय हवाईअड्डा प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड की 9 सदस्यीय टीम, मुख्य हवाईअड्डा अधिकारी उत्पल बरुआ के मार्गदर्शन में, अडानी ने एक विमानन उद्योग विशेषज्ञ, जो असम के रहने वाले भी हैं। उन्होंने औपचारिक रूप से अपना ‘अवलोकन अवधि’ शुरूआत कर दी है। अक्टूबर में कार्यभार भी संभाल सकते है।

एएआई के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र के साथ समझौते के मुताबिक, एएआई कर्मी मौजूदा 3 सालों में कंपनी का सहयोग करेंगे। एएएचएल को हवाईअड्डे के पास 50 साल की अवधि के लिए जमीन भी उड्डयन से संबंधित कारोबार और संबंधित सेवाओं का विकास करने के लिए लीज पर दी गई थी।

केंद्र सरकार ने 2018 में सार्वजनिक निजी भागीदारी मॉडल के अंतर्गत संचालन, प्रबंधन तथा विकास के लिए छह एएआई हवाई अड्डों को – गुवाहाटी, अहमदाबाद, जयपुर, लखनऊ, तिरुवनंतपुरम तथा मंगलुरु को लीज पर दिया है।

एएआई के अधिकारी ने कहा कि एएआई के राजस्व को बढ़ाने तथा रोजगार देने तथा उसके बुनियादी ढांचे के मामले में केंद्र ने आर्थिक विकास को बढ़ाने के इन क्षेत्रों के लिए फैसला लिया हैं। छह हवाई अड्डों के लिए सफल बोलीदाता के रूप में अडानी समूह सामने आया था।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू इस बीच नई दिल्ली में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया से मिलने गए तथा प्रदेश के हवाई अड्डों से संबंधित अन्य मुद्दों पर चर्चा की।

मुख्यमंत्री ऑफिस के एक अधिकारी ने बताया कि सिंधिया से राज्य के हवाई अड्डों में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड के विकास पर खांडू ने विचार करने का निवेदन किया है। अधिकारी ने बताया, “फिक्स्ड विंग ऑपरेशन के लिए एएलजी टुटिंग तथा मेचुका का व्यवहार्यता निरीक्षण करने के सिवा, प्राथमिकता के आधार पर सीएम ने पासीघाट तथा तेजू हवाई अड्डों पर फिक्स्ड विंग फ्लाइट ऑपरेशन की शुरूआत करने को कहा है।”

पर्वतीय क्षेत्रों में एएआई ने हवाई यात्रा से संपर्क को बढ़ाने के लिए हवाई अड्डे का विकास करने के लिए 650 करोड़ रुपये की परियोजना की शुरूआत की है।

पूर्वोत्तर क्षेत्र में वर्तमान में 15 हवाई अड्डे हैं, जिसमें गुवाहाटी, सिलचर, डिब्रूगढ़, जोरहाट, तेजपुर, लीलाबाड़ी तथा रूपसी, तेजू और पासीघाट, अगरतला, इंफाल , शिलांग , दीमापुर, लेंगपुई, तथा पाक्योंग शामिल हैं।

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