BSNLऔर MTNL में किसी भी तरह के चीनी उपकरण के प्रयोग पर लगा दी गई है तत्काल रोक
- बुधवार रात केंद्र सरकार का आया एक बड़ा फैसला
- BSNL और MTNL में किसी भी तरह के चीनी उपकरण के प्रयोग पर तत्काल रोक लगा दी गई है.
- प्राइवेट कंपनियों को भी चीनी उपकरणों के उपयोग रोकने के निर्देश दिए हैं.
- ट्रंड कर रहा है BoycottChineseProducts
- हाई अलर्ट के साथ सीडीएस बिपिन रावत और सेना के तीनों प्रमुखों की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उच्च स्तरीय बैठक
चीन और भारत के बीच रिश्तों में खटास पड़ गई है. आए दिन बढ़ते तनाव नजर आ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ भारत ने बिना हथियार के जबाव देना शुरू कर दिया है. चीन से लगातार चल रही तनातनी के बीच बुधवार रात केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, BSNL और MTNL में किसी भी तरह के चीनी उपकरण के प्रयोग पर तत्काल रोक लगा दी गई है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुराने टेंडर भी रद्द कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही दूरसंचार विभाग ने सभी प्राइवेट कंपनियों को भी चीनी उपकरणों के उपयोग को रोकने के निर्देश दिए हैं. बता दें, कि बुधवार शाम को भारत और चीनी मेजर जनरलों के बीच बातचीत हुई थी, लेकिन सूत्रों की माने तो इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला. यानी कि इस बातचीत में कोई ऐसा फैसला नहीं लिया गया, जिससे जमीनी तौर पर कोई बदलाव किए जा सकें.
#Breaking | Sources: Telecom ministry reworks tender for BSNL network upgradation.
Chinese companies will not be allowed to participate. | #IndiaWillPunishChina pic.twitter.com/XHJNzQV9fR— TIMES NOW (@TimesNow) June 17, 2020
बता दें, कि गलवान घाटी में हुई चीनी भारत सेना मुठभेड़ में भारत मे 20 सैनिक शहीद हुए हैं. सीमा पर लगातार तनाव की स्थिती बनती दिख रही है. इस झड़प को मद्देनजर रखते हुए चीन के साथ लगी लगभग 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों पर बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया है.
इसके साथ ही सीडीएस बिपिन रावत और सेना के तीनों प्रमुखों की रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ उच्च स्तरीय बैठक के बाद अलर्ट के स्तर को बढ़ाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही भारतीय सेना हिन्द महासागर पर भी अपनी सेना बढ़ा रही है. आपको बता दें, कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर की चीन के विदेश मंत्री से फोन पर बात हुई, जिसमें तनाव को कम करने और शांति को बनाये रखने की बात कही गई. साथ ही विदेश मंत्री जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग से कहा, कि चीन पक्ष ने पूरी योजना के तहत कार्रवाही की थी जो हिंसा और जवानों के हताहत होने के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार थी. इससे समझौते का उलंघन हुआ है साथ ही जमीन पर तथ्यों को बदलने की मंशा नजर आती है.