
धर्मांतरण मामले में नया खुलासा ; 9 साल पहले ही इस्लाम से प्रेरित हुआ था आदित्य
यूपी के कानपुर के काकादेव निवासी मूक बधिर छात्र आदित्य उर्फ अब्दुल कादिर नौ साल पहले ही इस्लाम के प्रति प्रभावित हो गया था। 2012 में हलीम मुस्लिम कॉलेज में आयोजित सभाओं में उसने भाग लिया था । तब चमनगंज निवासी मूक बधिर वासिफ इन सभाओं को संबोधित करता था। घर वालों को जब पता चला तो भरी सभा से आदित्य को लेकर चले गए थे। ये खुलासा जांच एजेंसियों की जांच में हुआ है। परिजनों ने इसकी पुष्टि भी की है। आदित्य ने बिठूर स्थित ज्योति बधिर स्कूल से 2019 में 12वीं की परीक्षा पास की है। पढ़ाई में भी तेज है। जांच एजेंसियों की जांच में पता चला है कि आदित्य जब 15 साल का था, तब उसका एक परिचित उसे हलीम मुस्लिम कॉलेज में होने वाली धार्मिक सभाओं में लेकर जाता था। चमनगंज निवासी मूक बधिर वासिफ सांकेतिक भाषा में धर्म परिवर्तन के फायदे गिनाता था। जांच एजेंसियों ने वासिफ के बारे में जानकारियां जुटाई हैं। पूछताछ भी उससे की जा रही है। पता किया जा रहा कि धर्मांतरण में वासिफ की भूमिका है या नहीं।
जानकारी के मुताबिक धार्मिक सभाएं हलीम कॉलेज में तब रविवार को होती थीं। सभाएं करने वाले लोग युवाओं से गैर मुस्लिमों को वहां लाने को कहते थे। इन्हीं में से एक शख्स आदित्य को वहां ले गया था। हालांकि उसके नाम व पते की जानकारी नहीं हो सकी है। मां लक्ष्मी के अनुसार आदित्य रविवार की दो सभाओं में शामिल हुआ था। तीसरी बार जब गया तो वे उसे ले आई थीं।
आदित्य के संपर्क में एक गगन नाम का युवक रहा है। आशंका जताई जा रही है कि इसने मीडिएटर की भूमिका निभाई है। उसने ही सबसे पहले इस्लाम के प्रति आदित्य को समझाकर वासिफ व उमर से मिलवाया। हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हुई है। जांच एजेंसी गगन के बारे में जानकारी जुटा रही है। जानकारी के मुताबिक गगन भी धर्म परिवर्तन कर चुका है
घर वालों के अनुसार आदित्य मंदिर जाकर भगवान से प्रार्थना करता था कि उसकी नौकरी लग जाए। परिजन मकान खरीद लें। इस दौरान वह चर्च भी जाने लगा। आखिर में जब वो मुस्लिम धर्म प्रचारकों के संपर्क में आया तो उसे आरोपियों ने समझाया कि अल्लाह से जो मांगोगे मिलेगा। इसके बाद उसने धर्म परिवर्तन कर लिया।