नीरज ने पिता से फोन पर बात कर कहा पिताजी हरियाणवी में बात कीजिए ना, पिता ने कहा बेटे तूने लट्ठ गाड़ दिए
मतलौडा : नीरज ने अपने पापा से बात करने को फोन किया फोन पर नीरज की आवाज सुनाई दी, हेलो पापा। बेटे की आवाज सुन पिता सतीश चोपड़ा खामोश रहे खुशी से कुछ समझ न आ रहा था।
जिस बेटे के सम्मान में पूरा देश खड़ा है,खुद देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उस बेटे को फोन किया हो, प्रदेश के गृहमंत्री जिसके लिए खुशी से नाच रहे हैं किस तरह से उस बेटे से बात की जाए, मन में बहुत कुछ चल रहा था।
तभी फिर से बेटे की आवाज आई, हेलो पापा। उस आवाज ने नीरज के पिता ने अपनी सोच से बाहर निकल कहा कैसे हो नीरज बेटा इस तरह आवाज सुनना नीरज को अटपटी लगी, क्योंकि पिता ने पहले कभी ऐसे उससे बात नहीं की। नीरज समझ गया और अगले पल पिता की झिझक को तोड़ते हुए कहा, पापा जैसे पहले खुलकर बात करते थे वैसे ही करो ना। हरियाणवी में बात करो।
सतीश के चेहरे से मुस्कुराहट झलक उठी और बोले, शाबाश नीरज। लट्ठ गाड दिए तूने तो। नीरज ने जवाब में कहा, मैं तो न्यूए लट्ठ गाड़ूंगा। बधाई देने वालों की भीड़ घर में बढ़ रही थी। यह कहकर सतीश ने फोन काट दिया, बाद में बात करते हैं बेटा। पिता की आंखें इस दस से पंद्रह सेकेंड की बातचीत में नम हो गईं। मन ही मन में यही चल रहा होंगा, कितना समझदार हो गया है उनका बेटा।
अभ्यास में नीरज ने खुद को इतना झोंक दिया कि उनका फोन बंद ही रहता था। मां से ही बात करने के लिए फोन करते थे। परिवार के सभी सदस्यों से कई महीनों से बात नहीं हो सकी। जीत वाले दिन भी रात तक परिवार से बात नहीं हो पाई। देर रात तक बधाइयां लेते रहे परिवार के सदस्य भी बेटे से बात नहीं कर पाएं।
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