
नक्सलियों ने पुलिस को निशाना बनाने के लिए बिछाए 150 से अधिक बम
नक्सलियों ने पश्चिमी सिंहभूम जिले की भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाते हुए इसे गढ़ बना लिया है।
नक्सलियों ने पश्चिमी सिंहभूम जिले की भौगोलिक स्थिति का फायदा उठाते हुए इसे गढ़ बना लिया है। 700 पहाड़ियों से घिरे सारंडा और पोड़ाहाट जंगल को नक्सलियों का सेफ जोन माना जाता था, लेकिन सुरक्षा बलों की लगातार कार्रवाई से नक्सली अब भागने लगे हैं।
उनकी हर साजिश नाकाम होने लगी है। एसपी अजय लिंडा के अनुसार, पुलिस को नुकसान पहुंचाने के लिए पोड़ाहाट जंगल में नक्सलियों ने 150 से अधिक आईईडी और पाइप बम बिछा रखे हैं।
गुप्त सूचना के बाद पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त सर्च ऑपरेशन के दौरान तीन दिन में 14 बम बरामद कर डिफ्यूज किए गए। वहीं अब तक 45 आईईडी समेत पाइप और केन बम बरामद किए गए हैं। समय पर बमों को डिफ्यूज नहीं किया जाता तो चाईबासा पुलिस को भारी नुकसान हो सकता था।
सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के लिए झारखंड के नक्सली अब पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ के नक्सलियों की तरह ही योजना बना रहे हैं। पुलिस की नजर न पड़े, इसलिए बम को पत्थर के नीचे प्लांट कर रहे हैं। यह योजना छत्तिसगढ़ में नक्सलियों द्वारा अपनाया जाता है। जिले के नक्सल प्रभावित गुदड़ी थाना क्षेत्र से बरामद आईडी बम से यह बात सामने आई।
इससे पहले कोल्हान में नक्सली तीर बम का ही इस्तेमाल करते थे। ज्ञात हो की जिले के गुदड़ी थाना क्षेत्र के डोंगेबेड़ा जंगल पहाड़ी क्षेत्र में जिला पुलिस और सीआरपीएफ 60 बटालियन ने चार आईईडी, केन बम, डेटोनेटर, सेफ्टी फ्यूज, बैटरी और नक्सली साहित्य बरामद किया है।