हिमाचल प्रदेश का पीछा नही छोड़ रही प्राकृतिक आपदाएं : पहले भूस्खलन अब भूकंप
हिमाचल प्रदेश : शिमला में बुधवार शाम करीब ,7बजकर 45 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3 .6 मापी गई।
झटके महसूस होते ही लोग आनन फानन में अपने घरों से बाहर निकल आये। शिमला वैसे भी भूकंप के मामले में अति संवेदनशील माना जाता है। जानकारी मिलने तक जान माल की कोई हानि की सूचना नहीं मिली है। लोगों को बोला गया है कि सावधान रहें और भूकंप आने की स्तिथि में सुरक्षित स्थानों पर जाए। या तो घर से दूर खाली जगह पर या मजबूत मेज के नींचे। और आपातकालीन टेलीफोन नंबरों को भी अपने पास रखें।
आपको बता दें कि हिमाचल के 5 छेत्र भूकंप की दृष्टि से अतिसंवेदनशील छेत्र में आते है। ये 5 छेत्र हैं – कांगड़ा, चंबा, लाहौल, कुल्लू और मंडी। ये सारी जगह सिस्मिक जोन पांच में आती है । प्रदेश के अन्य जगहें सिस्मिक जोन चार में है।
अभी हिमाचल आये दिन हो रहे भूस्खलन और बदल फटने की घटनाओं से उबर भी नही पाया था कि आज शाम आये भूकंप से लोगों में दहशत का माहौल है।
हिमाचल में कई जिलों से नाले में तेज़ बारिश के चलते पानी भर जाने के कारण बाढ़ की बात भी सामने आ रही है। बतया जा रहा है पानी और मलबा घरों में घुस जाने के कारण लोग बाहर सोने को मजबूर है।
किसानों की टमाटर की फसलें भी इसी बाढ़ के चलते नष्ट हो गई है। सरकार अपनी तरफ से आंकलन करने के बाद लोगों को मुआवजा देगी।
इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से लोगों की मुश्किलें बढ़ती जा रही है । और आने वाले दिनों में कोई राहत मिलने की उम्मीद भी कम है। मौसम विभाग की मानें तो अगले तीन दिन भी जम कर बादल बरसेंगे । मैदानी व मध्य पर्वतीय भागों में 18 और 19 जुलाई को भारी से बहुत भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया जा चुका है।
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