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रूस-यूक्रेन में नाटो युद्ध, चीन का दावा- एशिया-प्रशांत में भी अमेरिका ऐसा ही कर रहा

यूक्रेन-रूस युद्ध की पृष्ठभूमि में चीन ने अहम बयान दिया है। चीन ने यूक्रेन-रूस युद्ध के लिए नाटो की विस्तारवादी नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है। चीन ने स्पष्ट कर दिया है कि यदि यूक्रेन नाटो में शामिल होने पर जोर नहीं देता और नाटो अपने विस्तारवादी रुख को छोड़ देता तो युद्ध नहीं होता। 

चीनी उप विदेश मंत्री ले युचेंग ने इस कार्यक्रम में कहा, “पूर्वी यूरोप में नाटो ने जो कुछ भी किया है, वह युद्ध में परिणत हुआ है।” उन्होंने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में, संयुक्त राज्य अमेरिका अब नाटो की तरह ही काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि अमेरिका तेजी से अपनी विस्तारवादी नीतियों का विस्तार कर रहा है। यह गंभीर परिणामों के साथ एशिया-प्रशांत क्षेत्र का ध्रुवीकरण कर रहा है।

चीनी उप विदेश मंत्री ले युचेंग ने शिन्हुआ विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीति केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि सोवियत संघ के विघटन के बाद नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गनाइजेशन (नाटो) को इतिहास के पन्नों में शामिल किया जाना चाहिए था, जिसमें वारसा पैक्ट भी शामिल है। हालांकि, ऐसा नहीं किया गया। इसके बजाय, नाटो का लगातार विस्तार किया गया। उनकी विस्तारवादी नीतियों के कारण ही आज यूक्रेन में युद्ध छिड़ गया है। क्योंकि रूस को अपने बचाव के लिए कुछ कदम उठाने पड़े थे, जिसके परिणाम अब दुनिया के सामने युद्ध के रूप में हैं।

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