Nationl Voters day 2022: जानिए इस दिन का क्या है महत्व और कब हुई थी शुरुआत…
इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता
मतदान करना हर भारतीय के मौलिक अधिकारों में से एक है। जिसका प्रयोग प्रत्येक व्यक्ति को करना चाहिए। युवाओं को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है।
गौरतलब है कि यह दिन भारत सरकार की ओर से 25 जनवरी 2011 को चुनाव आयोग के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए स्थापित किया गया था और तब से यह भारत में मनाया जाता है। मतदान एक व्यक्ति को नियंत्रण लेने और सरकार चुनने की शक्ति देता है। इस साल भारत 12वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहा है।
इतिहास:
आज ही के दिन 1950 में भारत निर्वाचन आयोग का गठन किया गया था। हालांकि राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआत 2011 में भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल ने की थी। इस दिन ने युवाओं को मतदान के महत्व और चुनाव आयोग के योगदान के बारे में जागरूक करने में मदद की। लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए, एक नया नारा गढ़ा गया था ‘No Voter to be left behind’.
महत्व:
राष्ट्रीय मतदाता दिवस का मुख्य उद्देश्य मतदाताओं, खास तौर पर पात्र लोगों के नामांकन में वृद्धि करना है। पहले मतदाता की पात्रता आयु 21 वर्ष थी, लेकिन 1988 में इसे घटाकर 18 वर्ष कर दिया गया था। 1998 के इकसठवें संशोधन विधेयक ने भारत में मतदाता की पात्रता आयु को कम कर दिया।
थीम:
इस वर्ष राष्ट्रीय मतदाता दिवस की थीम मजबूत लोकतंत्र के लिए चुनावी साक्षरता (Electoral Literacy for stronger Democracy) है