
Nagar Nikay Chunav 2022: नए सिरे से आरक्षण की तैयारी, बदलेगा कई सीटों का समीकरण
निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए 20 सीटें आरक्षित की गई थी जो अब नगर निगम सीमा में विस्तारित क्षेत्र शामिल होने से बढ़ गई।
लखनऊ: प्रदेश में नगर निकाय के होने वाले चुनाव के लिए रैपिड सर्वे का काम पूरा होने से नगर निगम के 100 से अधिक वार्डों में राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। बता दें कि इन वार्डों में जातीय समीकरण भी बदल जाएगा। वार्डों का आरक्षण का खाका तय होने के बाद स्थितियां साफ हो जाएंगे लेकिन मौजूदा पार्षदों के साथ ही पहली बार चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे संभावित उम्मीदवारों की भी धड़कने तेज हो गई हैं। बता दें कि 2017 के निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग के लिए 20 सीटें आरक्षित की गई थी जो अब नगर निगम सीमा में विस्तारित क्षेत्र शामिल होने से बढ़ गई।
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आपको बता दें कि पिछड़ा वर्ग की आबादी बढ़ने से आरक्षण का लाभ भी सूअर को अधिक मिलेगा निकाय चुनाव में 20 के बजाय 21 सीटर पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो जाएंगी वह इसी तरह अनुसूचित जात की सीटों की संख्या बढ़ जाएगी इस सीट के लिए अभी तक 12 सीटें थी जो अब बढ़कर 14 हो जाएगी वही आरक्षित सीट पर कैंची चल जाएगी वर्ष 2000 17 निकाय चुनाव के दौरान अनारक्षित सीट की संख्या 53 थी जो अब घटकर 50 हो जाएगी और वहीं पर 25 सीट महिला आरक्षित होंगी।
वर्ष 2011 की जनगणना में नगर निगम सीमा की आबादी 28 दशमलव 17 लाख की जो 17 में रैपिड सर्वे के अनुसार पिछड़ा वर्ग की संख्या 5 दशमलव 30320 में 88 गांव के नगर निगम में शामिल हो जाने से 2.70 लाख आबादी बढ़ गई अब नगर निगम की आबादी 2011 की जनगणना के आधार पर 31 लाख के करीब हो गई है।