500 वर्षों के बाद भी राम मंदिर निर्माण में रोड़ा, भूमि पूजन कार्यक्रम पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर
रामनगरी अयोध्या में करीब पांच सौ वर्ष बाद भगवान श्रीराम के मंदिर बनने की तैयारी जोरों पर है। अयोध्या में राम
मंदिर निर्माण के लिए पांच अगस्त को भूमि पूजन प्रस्तावित है। हालांकि अब दिल्ली के पत्रकार साकेत गोखले ने हाईकोर्ट
के चीफ जस्टिस को लेटर पीआईएल भेजी है। जिसमें कोरोना वायरस के कारण भूमि पूजन पर रोक लगाने की मांग की
गई है। बता दें कि विदेशों में कई अखबार में काम कर चुके साकेत गोखले सोशल एक्टिविस्ट भी हैं।
भूमि पूजन अनलॉक 2 का उल्लंघन
पीआईएल में कहा गया कि भूमि पूजन कोविड-19 के अनलॉक-2 की गाइडलाइन का उल्लंघन है. इसमें कहा गया कि
भूमि पूजन में तीन सौ लोग इकट्ठे होंगे, जो कि कोविड के नियमों के खिलाफ होगा।लेटर पिटीशन के जरिए भूमि पूजन के
कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की मांग की गई है।
कोरोना संक्रमण बढ़ने का खतरा
याचिका में कहा गया है कि इस कार्यक्रम भूमि में तीन सौ लोग इकट्ठे होंगे जिससे कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने का
खतरा बढ़ेगा। याचिका में यह भी कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सरकार केंद्र की गाइडलाइन में छूट नहीं दे सकती है।
बकरीद का भी जिक्र
याचिका में बकरीद का जिक्र करते हुए कहा गया है कि कोरोना वायरस के इस काल में भीड़ इकट्ठा होने की वजह से
बकरीद पर सामूहिक नमाज की भी इजाजत नहीं दी गई है।
कौन है पक्षकार?
चीफ जस्टिस से लेटर पिटीशन को पीआईएल के तौर पर मंजूर करते हुए सुनवाई कर कार्यक्रम पर रोक लगाए जाने की
मांग की गई है। वहीं अब अगर लेटर पिटीशन मंजूर हुई तो चीफ जस्टिस के जरिए नामित बेंच इस मामले में सुनवाई
करेगी। पिटीशन में राम मंदिर ट्रस्ट के साथ ही केंद्र सरकार को भी पक्षकार बनाया गया है।
मोदी समेत कई दिग्गज होगें भूमि पूजन में शामिल
श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को को बुलाया गया है। इस मौके पर रामलला से सरोकार
रखने वाले दिग्गज भी मौजूद रहेंगे। इनमें लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, कल्याण सिंह और विनय कटियार
जैसे भगवा सियासत के पर्याय प्रतिनिधि राजनीतिज्ञों और मंदिर आंदोलन से जुड़े शीर्ष संत भी शामिल होंगे। भूमि पूजन
समारोह के दौरान कोरोना से बचाव की गाइड लाइन का पालन किया जाएगा।
शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने भूमि पूजन का मुहूर्त बताया था गलत
भूमि पूजन को लेकर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने सवाल उठाया है।शंकराचार्य ने कहा कि जिस मुहूर्त में यह किया जा
रहा है, वो गलत मुहूर्त है। वहीं स्वामी के जवाब में राममंदिर ट्रस्ट के महंतों ने कहा कि स्वामी आकर शास्त्रार्थ कर लें।