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यूपी और दक्षिण कोरिया के बीच कई सेक्टर में हुआ एमओयू

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार और कोरिया गणराज्य के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के बीच सोमवार को समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया। एमओयू के अंतर्गत दोनों प्रांतों में प्रगति एवं विकास के लिए शैक्षिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों को प्रोत्साहित किया जाएगा। कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के राज्यपाल ली चेओलवू के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल एमओयू पर हस्ताक्षर करने के लिए उत्तर प्रदेश पहुंचा। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में एमओयू हस्ताक्षर समारोह आयोजित किया गया। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त, मनोज कुमार सिंह तथा ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत के महानिदेशक, ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक एंड इंडस्ट्रियल अफेयर, ली यंगसेओक द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस सहभागिता के महत्व और दोनों क्षेत्रों के बीच विकास और सहयोग के नए द्वार खोलने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आज हस्ताक्षरित एमओयू दक्षिण कोरिया के ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत तथा उत्तर प्रदेश के बीच द्विपक्षीय सहयोग में वृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। विभिन्न क्षेत्रों में विशेषज्ञता के आदान-प्रदान और आपसी निवेश को बढ़ावा देने से ग्योंगसांगबुक-डो प्रांत और उत्तर प्रदेश की समृद्धि और प्रगति में योगदान मिलेगा।

यूपी और दक्षिण कोरिया के बीच कई सेक्टर में हुआ एमओयू
यूपी और दक्षिण कोरिया के बीच कई सेक्टर में हुआ एमओयू

एमओयू की मुख्य विशेषताएं

– उत्तर प्रदेश के छात्रों को ग्योंगसांगबुक-डो में स्थित विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करना।

– ग्योंगसांगबुक-डो में स्थित कंपनियों में उत्तर प्रदेश से कार्यबल बढ़ाने के लिए सहायता प्रदान करना।

– ग्योंगसांगबुक-डो में कंपनियों द्वारा नियोजित किए जाने वाले संभावित उत्तर प्रदेश कार्यबल के लिए कोरियाई भाषा की शिक्षा को बढ़ावा देना।

– उत्तर प्रदेश में वेलनेस सेंटर के निर्माण के लिए सहयोग और संबंधित भारतीय कंपनियों को ग्योंगसांगबुक-डो में प्रवेश की सुविधा प्रदान करना।

– उत्तर प्रदेश प्रशासन की सहायता से नोएडा, उत्तर प्रदेश में द्विवार्षिक ग्योंगसांगबुक-डो मेला (जीबी-मेला) शुरू करना।

– विभिन्न औद्योगिक सेक्टर्स में व्यापारिक आदान-प्रदान एवं निवेश के लिए पारस्परिक समर्थन की सुविधा।

– सांस्कृतिक आदान-प्रदान के माध्यम से दोनों क्षेत्रों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को प्रोत्साहित करना।

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