
अपनी आखिरी सांस तक गाना गाते रहे मोहम्मद रफी, कुछ यू बीताई जिंदगी
अपनी जादुई आवाज से सब को दीवाना बनाने वाले मोहम्मद रफी आखरी सांस तक गाना गाते रहे थे क्योंकि संगीत उनका जीवन बन चुका था।
मोहम्मद रफी जैसा फनकार नाहीं तो कभी हुआ था और ना कभी होगा। मोहम्मद रफी ने पूरी दुनिया पर अपनी छाप ऐसी छोड़ी कि आज भी जब लोग उनके गाने सुनते हैं तो ऐसा लगता है मानो साक्षात मोहम्मद रफी के दर्शन हो गए हो।
मोहम्मद रफी जब अपनी आखिरी सांसें गिन रहे थे तब भी वह गाना रिकॉर्ड कर रहे थे। मोहम्मद रफी एक ऐसी शख्सियत थे, जिन्हें पब्लिसिटी से कोई मतलब नहीं था। वह बहुत ही सादगी भरा जीवन व्यतीत करते थे।
यह बात सभी जानते हैं की गायकी मोहम्मद रफी के खून में बसती थी, पर यह बात भी सत्य है कि गायकी के अलावा मोहम्मद रफी को बैडमिंटन खेलना और पतंग उड़ाने का भी काफी शौक था, जिस दिन हार्ट अटैक से उनका निधन हुआ कुछ समय पहले एक गाना रिकॉर्ड कर रहे थे जो कि बंगाली गाना था।
24 दिसंबर 1924 को एक मध्यमवर्ग परिवार में मोहम्मद रफी का जन्म हुआ था। वह बचपन से ही फकीर के गीत सुना करते थे और धीरे-धीरे उनके मन में यहीं से प्रेरणा मिली और उन्होंने गायकी करना शुरू किया।
दिलीप कुमार, देवानंद, शम्मी कपूर, राजेन्द्र कुमार, शशि कपूर, राजकुमार जैसे नामचीन नायकों की आवाज कहे जाने वाले रफी ने अपने पुरे करियर में लगभग 700 फिल्मों के लिये 26000 से भी ज्यादा गीत गाये, जो अपने आप में एक बहुत बड़ा इतिहास है।