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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में दोबारा सत्ता में वापसी करने के बाद भारतीय जनता पार्टी(BJP) ने एक बार फिर मिशन 2024(mission 2024) की तैयारी शुरू कर दी है। बता दें कि इस बार भी भारतीय जनता पार्टी ‘बूथ जीता तो चुनाव जीता’ के पुराने फुलप्रूफ चुनावी फार्मूले को आधार बनाकर तैयारी शुरू कर दी है। शुरुआत में पार्टी ऐसे बूथों (booth)पर सूची तैयार कर आ रही है जहां पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी कमजोर दिखी थी। ऐसे में पार्टी पिछले चार चुनावों को लेकर मंथन कर रही है इनमें 2 लोकसभा(loksabha) दो विधानसभा चुनाव(vidhansabha) शामिल है। बता दें कि इन चारों चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को प्रचंड बहुमत की सरकार बनी थी पार्टी का लक्ष्य है कि प्रचंड लाइन के बावजूद कुछ मुद्दों पर पार्टी क्यों कमजोर रह गई। इसलिए पार्टी ने एबीसी फार्मूला तैयार किया है अब इसी फार्मूले के आधार पर ही पदाधिकारियों को भूतों की सूची तैयार करने को कहा गया है।
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गौरतलब है कि पार्टी एबीसी के फार्मूले के आधार पर ही कार्य करती रही है लेकिन इसकी व्याख्या अलग तरीके से की जाती रही है। पहले एक का मतलब बेताबी का मतलब मध्य उसी का मतलब कमजोर रखा गया था लेकिन इस बार नेतृत्व ने कमजोर बूथों को ए बी व सी ग्रुप बनाने को कहा है।
वही पार्टी में कमजोर भूतों को मजबूत बनाने के लिए सांसदों और विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी है। बता दें कि सांसद व विधायक बूथों पर जाकर पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता से संवाद करेंगे और उसी के आधार पर भूत को मजबूत का रास्ता निकालें यह जिम्मेदारी जून से पूरी तरह लेनी होगी।
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इतना ही नहीं प्रदेश में चुनाव से पहले बूथों पर भाजपा का शुरू से फोकस रहा है बूथ जीता तो चुनाव जीता के फार्मूले पर ही भाषा पिछले चार चुनाव में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई है इसी क्रम में कमजोर बूथों को मजबूत बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।