
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियां वोट बैंक तैयार करने के लिए नए नए फार्मूले पर कार्य कर रही है। इसी क्रम में बहुजन समाज पार्टी की जाति समीकरण के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं को जोड़ने को लेकर काम करने में जुट गई है। बता दें कि बसपा सुप्रीमो मायावती 21 नवंबर या 24 नवंबर को स्वयंसेवी संस्थाओं और दिव्यांगों के साथ बड़ी बैठक का विचार कर रही है। जिसकी जिम्मेदारी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को दी गई है।
स्वयंसेवी की संस्थाओं का बड़ा जाल
स्वयंसेवी संस्थाओं का देश भर में बड़ा नेटवर्क है। हर क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्थाएं कार्य कर रही हैं। सैमसंग संस्थाओं के पास एक बड़ा वोट बैंक होता है इसलिए मायावती का मानना है कि अगर की संस्थाएं ठीक से बहुजन समाज पार्टी के साथ जुड़ी तो विधानसभा क्षेत्र में उनके खाते में अच्छा खासा वोट आ जाएगा।
वहीं दूसरी तरफ कुछ राजनीति के रणनीतिकारों का मानना है कि अभी तक प्रदेश में जितनी भी सरकारें हुई है उन्होंने कभी भी इन संस्थाओं के बारे में विचार विमर्श नहीं किया है यदि मायावती इनके लिए कुछ घोषणा करती हैं तो आने वाले समय में स्वयंसेवी संस्थाओं की स्थिति में सुधार आएगा।