टोक्यो ओलंपिक 2020 में मीराबाई चानू को मिल सकता है गोल्ड
झिहुई होउ का डोपिंग टेस्ट किया जा रहा दोषी पाई जाने पर नियमानुसार मीराबाई चानू का रजत पदक अब स्वर्ण में बदल सकता है।
भारतीय वेट लिफ्टर मीराबाई चानू, जिन्होंने हाल में ही टोक्यो ओलंपिक 2020 में रजत पदक जीतकर देश को गौरवान्वित किया।अब उनके पास 49 किग्रा महिला वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने का मौका है।
मीराबाई, जिन्होंने 202 किग्रा का संयुक्त वजन उठाया, स्वर्ण पदक विजेता चीन की झिहुई होउ से 8 किलोग्राम कम वजन उठाया।झिहुई होउ ने 210 किग्रा वजन उठाकर एक नया रिकॉर्ड बनाया। लेकिन अब सूत्रों की माने तो झिझि डोपिंग टेस्ट में फंस सकती है। अगर ऐसा हुआ तो अपने आप मीरा बाई चानू का मेडल स्वर्ण में तब्दील हो जाएगा।
एन्टी डोपिंग एजेंसी ने झिहुई होउ को फिलहाल टेस्ट के लिए टोक्यो में ही रुकने को कहा है। टोक्यो ओलंपिक में झिहू ने स्नैच में 94 किग्रा वजन उठा कर नया कीर्तिमान स्थापित किया। इसके बाद क्लीन एंड जर्क में 116 के साथ एक और ओलंपिक रिकॉर्ड बनाया। मीराबाई ने स्नैच में 87 और क्लीन एंड जर्क में 115 को सफलतापूर्वक उठाया।
कर्णम मल्लेश्वरी के बाद वेट लिफ्टिंग में भारत को ओलिंपिक मैडल दिलाने वाली चानू दूसरी महिला है। पहली बार किसी भारतीय महिला को ओलिंपिक में रजत पदक मिला। अब उम्मीद जताई जा रही है कि ये पदक स्वर्ण में भी अपग्रेड हो सकता है।
इस शानदार उपलब्धि के बाद चानू ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, “मैं बहुत खुश हूं, मैं पिछले पांच वर्षों से इसका सपना देख रही थी। इस समय मुझे खुद पर गर्व महसूस हो रहा है। मैंने स्वर्ण पदक की कोशिश की लेकिन रजत पदक भी मेरे लिये बहुत बड़ी उपलब्धि है।”
2016 में सही तरीके से वजन न उठाने के कारण चानू का ओलिंपिक सपना अधूरा रह गया था। उसके बाद उन्होंने वेट लिफ्टिंग छोड़ने का मन भी बना लिया था। लेकिन अपनी माँ के प्रोत्साहन के चलते उन्होंने निश्चय किया कि वो अगली बार जरूर कुछ बड़ा कर दिखाएंगी। और आखिरकार ऐसा ही हुआ।
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