PoliticsTrending

मेरठ : आज शोषित वंचित समाज सम्मेलन को संबोधित करेंगे ओवैसी

उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी

मेरठ : उत्तर प्रदेश में आगामी होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी आज मेरठ से पश्चिमी यूपी के मुसलमानों को साधेंगे। ओवैसी आज मेरठ के बिजली बंबा बाईपास हापुड़ रोड में शोषित वंचित सम्मेलन करेंगे। सम्मेलन में दक्षिण और शहर सीट दोनों के मुसलमानों को एआईएमआईएम से जुड़ने का न्योता देंगे। समाजवादी पार्टी को टक्कर देने के लिए ओवैसी एक महीने के अंदर दूसरी जनसभा कर रहे है | इससे पहले ओवैसी की जनसभा 13 नवंबर को होनी थी लेकिन अनुमति नहीं मिलने के चलते इसे रद्द करना पड़ा था |

सपा के लिए खतरा बनेंगे ओवैसी ओवैसी का आज होने वाला शोषित वंचित सम्मेलन मुख्यत: मेरठ शहर और मेरठ दक्षिण दो विधानसभा सीटों से जुड़ा है। मेरठ में ये दोनों ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां मुस्लिम मतदाता काफी संख्या में हैं। शहर सीट पर वर्तमान में सपा के रफीक अंसारी विधायक हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में सपा के रफीक अंसारी ने यहां भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मीकांत वाजपेयी को 28,769 मतों से हराया था। हिंदू-मुसलमान की सीधी टक्कर वाली इस सीट पर ओवैसी की दस्तक मुसलमान वोटों का बंटवारा कर सपा को सीधे नुकसान पहुंचा सकती है।

हिंदू-मुसलमान में बंट जाते मतदाता

मेरठ शहर सीट पर मतदान के दिन सारे जातीय समीकरण फेल होकर हिंदू, मुसलमान मतों में चुनाव होता है। 1987 का हाशिमपुरा कांड और दंगों की आंच में तपने वाली इस सीट पर सीधा मुकाबला हिंदू, मुस्लिम में होता है। भाजपा के लक्ष्मीकांत वाजपेयी यहां से 4 बार विधायक रहे हैं। सपा से रफीक अंसारी, यूपीयूडीएफ से याकूब कुरैशी, शाहिद अखलाक, मंजूर अहमद भी यहां से विधायक बने हैं। हिंदुओं के साथ यहां मुस्लिम मतदाता भी काफी हैं। आजादी के बाद लगातार इस सीट पर कांग्रेस, भाजपा का कब्जा रहा है।

पिछले चुनावों के परिणाम देखें तो जब भी इस सीट पर दो से अधिक मुसलमान प्रत्याशी चुनाव में उतरे तो हिंदू प्रत्याशी की जीत हुई। दो से ज्यादा हिंदू प्रत्याशी उतरने पर मुस्लिम चेहरा जीता है। 2017 के चुनाव में सिटिंग एमएलए लक्ष्मीकांत वाजपेयी, बसपा के पंकज जौली और रालोद के ज्ञानेंद्र शर्मा में वोट बंटे फायदा सपा के रफीक अंसारी को मिला। 2012 में कांग्रेस, सपा, बसपा ने यहां मुसलमान उतारे और वोट बंट गया। जिसके चलते हिंदू वोटों का भारी फायदा भाजपा को हुआ और लक्ष्मीकांत वाजपेयी जीते। जब भी दो मुस्लिम प्रत्याशी मजबूती से लड़े तब हिंदू प्रत्याशी ने बाजी मार ली।

Follow Us
Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
%d bloggers like this: