
निजीकरण के खिलाफ मायावती, बैंकों की हड़ताल में किया समर्थन
, बीएसपी गरीब मेहनतकश जनता का दुख-दर्द समझती है। इसीलिए
लखनऊ: बैंक कर्मचारियों के नौ संगठनों के शीर्ष निकाय यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने दो सरकारी बैंकों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ हड़ताल की। इस दौरान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत देश के कई बैंक रहे। इसे लेकर बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने ट्वीट किया और अपना समर्थन दिया हुए सरकार से पुनर्विचार करने की बात कही।
मायावती ने ट्वीट किया, बीएसपी गरीब मेहनतकश जनता का दुख-दर्द समझती है। इसीलिए पूंजीपतियों के धन में विकास के बजाय देश की पूंजी में विकास चाहती है ताकि आमजन व देश का भला हो सके। इसी क्रम में सरकारी बैंकों के निजीकरण की समर्थक नहीं, जबकि भाजपा जल्दबाजी करके निजीकरण में ही व्यस्त, यह अति-दुखद।
16-17 दिसंबर को की थी हड़ताल
बसपा प्रमुख ने कहा, बैंकों के निजीकरण के खिलाफ नौ लाख बैंक कर्मचारियों द्वारा अपनी वेतन कटवा कर भी 16-17 दिसंबर को की गई दो दिन की देशव्यापी हड़ताल, किसानों के आंदोलन की तरह, जुझारू व प्रेरणादायी। सभी को अपने हक के लिए संघर्ष करना होगा। सरकार बैंक निजीकरण पर पुनर्विचार करे, बीएसपी की मांग।
बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने के विनिवेश लक्ष्य के तहत सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी। इससे पहले सरकार ने 2019 में IDBI बैंक में अपनी बहुलांश हिस्सेदारी LIC को बेचकर IDBI बैंक का निजीकरण कर दिया था। पिछले 4 साल में 14 सरकारी बैंकों का विलय किया जा चुका है।