मथुरा यात्रा : बाल कृष्ण की अटखेलियों और गोपियों के साथ रासलीला की धरोहर देख हो जायेंगे कृष्णमय
मथुरा श्री कृष्ण की धरा है। मथुरा को ब्रज भूमि या ‘अनंत प्रेम की धरती’ के तौर पर पूजा जाता है। मथुरा साल भर श्रद्धालुओं और पर्यटकों से भरा रहता है। लेकिन होली और जन्माष्टमी के त्योहार पर इस जगह की छटा देखते ही बनती है। यमुना नदी के तट पर स्थित, मथुरा में भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित कई मंदिर हैं। मथुरा को हिन्दुओं के अलावा बौद्ध धर्म के लोगों और जैन समुदाय के लोगों द्वारा भी पवित्र माना जाता है।
मथुरा में घूमने और दर्शन करने के लिए कई सारे मंदिर और स्थल हैं। यहां की हर आकर्षित करने वाली चीज़ किसी न किसी तरह भगवान कृष्ण से जुड़ी है। यहाँ का सबसे पवित्र मंदिर श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर या कृष्ण का जन्म स्थान है।
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर
कृष्ण जन्मभूमि मंदिर की धरा बहुत ही पावन मानी जाती है। मंदिर के अन्दर एक कारागार जैसी संरचना है और ऐसा माना जाता है कि भगवान का जन्म यहीं हुआ था। माना जाता है कि, यह मंदिर जहाँगीर के शासन में ओरछा के राजा वीर सिंह बुंदेला द्वारा बनवाया गया था।
यह मंदिर देखने में काफी भव्य है हिंदू वास्तुकला का एक नायाब नमूना है। मंदिर में प्रवेश करने पर आपको गहनों से सजे भगवान श्री कृष्ण के दर्शन होते हैं, श्री कृष्ण का मनोहर रूप श्रद्धालुओं को भाव-विभोर कर देती है। पूरा मंदिर परिसर घूमने में आपको 1-2 घंटे का वक्त लगेगा।
द्वारकाधीश मंदिर
मथुरा में बने अनेक मंदिरों में द्वारकाधीश मंदिर की अपनी अलग महिमा है। इस मंदिर में होने वाली आरती विश्वविख्यात है। इसके दर्शन करने के लिए लोग देश-विदेश से मथुरा आते हैं। इस मंदिर में राधा-कृष्ण की मनमोहक प्रतिमाएं आपके मन को मोह लेंगी। साथ ही मंदिर की खूबसूरत नक्काशी और शिल्पकला आपके मन को भाव विभोर कर देंगी। द्वारकाधीश मंदिर, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सिर्फ 2 किमी की दूरी पर ही है। आप रिक्शा लेकर 40-50 रुपए में मंदिर पहुंच सकते हैं।
निधिवन
श्री कृष्ण की रासलीला की गाथा जग में बहुत ही प्रेम से सुनी और गाई जाती है। कृष्ण की रासलीला की झलक देखने के लिए आपको निधिवन पहुंचना होगा। निधिवन के बारे में आज भी एक रहस्मय गाथा चली आ रही है। माना जाता है इस अद्भुत वन में श्री कृष्ण आज भी आधी रात को राधा और गोपियों के साथ रासलीला करते हैं।
यहां जोड़े में मौजूद तुलसी के पौधों के बारे में कहा जाता है कि ये रात के वक्त गोपियों का रूप ले लेती हैं और सुबह फिर पौधों में बदल जाती हैं। लेकिन निधिवन में रात के वक्त प्रवेश की अनुमति नहीं है। निधिवन का सफर आप सुबह 5 बजे से लेकर शाम 8 बजे के बीच कभी भी कर सकते हैं। मथुरा से निधिवन की दूरी करीब 12 किमी की है, जिसे आप 30-45 मिनट में तय कर सकते हैं।
कब जाएं मथुरा
गर्मियों के दौरान यहां बहुत गर्मी रहती है। सर्दियों के दौरान यहां का मौसम बेहतरीन तथा घूमने वाला होता है। सैलानी सितम्बर से अक्टूबर के बीच यहां घूम सकते हैं।
कैसे पहुंचे ?
श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर मथुरा शहर के बीचों –बीच स्थित है। यह मथुरा जंक्शन रेलवे स्टेशन से सिर्फ 4 किमी की दूरी पर है। यहां कार, बस या रिक्शा के जरिए आसानी से पहुँचा जा सकता है।