
कब है मासिक महाशिवरात्रि 2021? क्या है महत्व ?
हिंदू देवताओं में भगवान शिव का एक अलग स्थान श्रद्धालुओं के दिल में रहता है ऐसे में हर बार श्रद्धालु महाशिवरात्रि का इंतजार करते हैं वही अब फिर से मासिक शिवरात्रि आने वाली है, ऐसे में श्रद्धालु इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं हालांकि कोरोना वायरस संक्रमण की काल में रौनक थोड़ी कम ही नजर आएगी क्योंकि कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के चलते कई प्रतिबंध लगाए गए हैं. भगवान शिव को लोगों ने शून्य का दर्जा दिया है क्योंकि माना जाता है कि सबकुछ शून्य से आता है और वापस शून्य में चला जाता है। विज्ञान ने भी इस बात को साबित किया है इस अस्तित्व का आधार और संपूर्ण ब्रह्मांड का मौलिक गुण एक विकराल 0 आता है इसमें मौजूद आकाशगंगाएं केवल छोटी-मोटी गतिविधियां हैं, जो किसी फुहार की तरह हैं।

कब मनाई जाती है मासिक शिवरात्रि ?
हिंदी पंचांग के अनुसार हर मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है इस समय जेष्ठ मास चल रहा है और अंग्रेजी कैलेंडर का छठा महीना भी आज से प्रारंभ हो चुका है जून महीने की मासिक शिवरात्रि 8 जून यानी मंगलवार के दिन पड़ रही है मासिक शिवरात्रि के दिन बाबा भोलेनाथ की विधिपूर्वक श्रद्धालु पूजा पाठ करते हैं वही भगवान शंकर के साथ ही माता पार्वती की भी आराधना की जाती है क्योंकि शिव शक्ति और शक्ति एक दूसरे के पपूरक माने जाते हैं शिव ही सर्वदा सत्य हैं।
कब है मासिक शिवरात्रि ?
अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 8 जून 2021 को मंगलवार के दिन 11:24 से शुरू हो रही है इसका समापन 9 जून दिन बुधवार को दोपहर 1:57 पर होगा वहीं रात्रि का मुहूर्त 8 जून को प्राप्त हो रहा है इसलिए मासिक शिवरात्रि 8 जून को ही मनाई जाएगी।
पूजा के लिए होगा 40 मिनट का समय प्राप्त
2021 जून के मासिक शिवरात्रि की पूजा के लिए आपको सिर्फ 40 मिनट का समय प्राप्त होगा आप 8 जून को रात 12:00 बजे से लेकर 12:40 के मध्य तक मासिक शिवरात्रि की पूजा कर सकते हैं यह समय सबसे उचित है माना जाता है कि उचित समय पर पूजा करने पर आपकी सभी मनोकामनाएं भोलेनाथ पूरा करते हैं।
क्यों मनाई जाती है शिवरात्रि ?
जैसा कि सब जानते हैं कि शिवरात्रि हिंदू धर्म में एक विशेष महत्व रखता है पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन भगवान शंकर ने साकार स्वरूप धारण किया था और इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती अटूट बंधन में बन चुके थे शिवरात्रि को भगवान शिव और माता पार्वती के महालीन का दिन माना जाता है इन्हीं वजह से शिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा भी की जाती है शिवरात्रि के दिन भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं को पूरा करते हैं इस दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे ज्यादा प्रभावशाली माना जाता है इसलिए इस दिन शिव पूजा का विशेष महत्व बताया गया है।
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कुंवारी लड़कियों के लिए श्रेष्ठ है शिवरात्रि का व्रत
माना जाता है कि शिवरात्रि का व्रत कुंवारी लड़कियों के लिए काफी श्रेष्ठ होता है क्योंकि शिवरात्रि व्रत और पूजा करने से विवाह में हो रही दिक्कतें दूर हो जाती हैं दांपत्य जीवन बहुत ही सुख में हो जाता है और आने वाली सभी बाधाओं को शंकर जी दूर कर देते हैं इस व्रत को महिला और पुरुष दोनों ही रख सकते हैं लेकिन महिलाएं ज्यादातर अच्छा वर पाने के लिए यह व्रत रखती हैं।