
समरसता के प्रतीक के रूप में महर्षि वाल्मीकि का मंदिर भी अयोध्या में होगा स्थापित
नई दिल्ली: अयोध्या में निर्मित हो रहा श्री राम का भव्य मंदिर सामाजिक समरसता का बड़ा संदेश देगा। मंदिर प्रांगण में महाकाव्य रामायण के द्वारा मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम के जीवन आदर्शों को लोगों तक पहुंचाने वाले महर्षि वाल्मीकि का भी विशाल मंदिर बनाया जाएगा। यह मंदिर 70 एकड़ के परिसर में मुख्य राम मंदिर के नजदीक ऐसे स्थान पर बनाए जायेंगे, जहां श्रद्धालु आसानी से पहुंच सके।
मंदिर प्रांगण में दूसरे देवी-देवताओं की भी स्थापना करने पर विचार किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद साधु-संतों के साथ ही बड़ी संख्या में राम भक्तों ने अयोध्या में मंदिर प्रांगण में ही महर्षि वाल्मीकि मंदिर की स्थापना की मांग की थी। विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने भक्तों की इस इच्छा को ट्रस्ट तक पहुंचाया था।
आलोक कुमार ने कहा कि उनके इस आग्रह को ट्रस्ट ने मंजूरी दे दी है। जबकि, मंदिर और मूर्ति की प्रारूप को अभी अंतिम रूप दिया जाना बचा है। शुरू से ही विहिप सामाजिक संतुलन बनाए रखने पर जोर देती रही है। हिंदू समाज को जाति के आधार पर बांटने के लगातार प्रयासों के बीच राम जन्मभूमि मंदिर प्रांगण में महर्षि वाल्मीकि के मंदिर बनने से सामाजिक एकीकरण का संदेश जाएगा।
विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने बताया कि पूरे देश ने आग्रह किया था कि महर्षि वाल्मीकि का मंदिर भी भगवान राम के साथ ही हो। श्रीराम की कल्पना उनके बिना अधूरी है। उन्होंने ही भगवान राम के चरित्र को लोगों तक पहुंचाया, ऐसे में प्रांगण में महर्षि वाल्मीकि का मंदिर देखकर भक्तों को सुख की अनुभूति होगी।