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उत्तराखंड में बढ़ रहे है फेफड़ों के कैंसर के रोगी, एम्स ऋषिकेश में शुरू हुई क्लिनिक

ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश ने फेफड़ों के कैंसर के रोगियों के लिए एक विशेष फेफड़े का क्लिनिक शुरू किया है। यह क्लिनिक प्रत्येक शुक्रवार दोपहर को संचालित होगा। जानकारों के मुताबिक उत्तराखंड में फेफड़ों के कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और कैंसर से होने वाली ज्यादातर मौतें फेफड़ों के कैंसर से होती हैं।

 

इस बारे में एम्स-ऋषिकेश के निदेशक डॉ. रविकांत ने कहा कि फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है। आधुनिक चिकित्सा विज्ञान में हुई प्रगति के कारण अब कैंसर से छुटकारा पाना संभव है।

 

पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेसर डॉ. मयंक मिश्रा ने कहा कि धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। इसके अलावा विभिन्न प्रकार के तंबाकू उत्पादों के सेवन से भी फेफड़ों का कैंसर हो सकता है।

 

आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तराखंड में फेफड़ों के कैंसर के रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। इस समय इस बीमारी से पीड़ित करीब 40-50 मरीज प्रतिमाह एम्स ऋषिकेश आ रहे हैं।

इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एम्स के पल्मोनरी विभाग में एक अलग लंग क्लीनिक संचालित किया जा रहा है।

 

फेफड़ों के कैंसर में फेफड़े के किसी भी हिस्से में कोशिकाओं की अनियंत्रित और असामान्य वृद्धि होती है।

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