Uttar Pradesh

लखनऊ : सिपाही पर 12 लाख रुपये लूटने लगा आरोप, जांच शुरू

लखनऊ। कृष्णानगर थाने के विजयनगर चौकी पर तैनात सिपाही पर कानपुर के व्यापारी ने अपने कर्मचारियों से 12 लाख रुपये लूटने का आरोप लगाया है। आरोप है कि सिपाही ने उनके कर्मचारियों को गांजा तस्करी के आरोप में रोका और उनसे रुपये लूट लिए। 26 मई को हुई इस वारदात के बाद से ही तीनों कर्मचारी भी लापता हैं। शनिवार को पीड़ित व्यापारी ने इसकी शिकायत पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर से की। इसके बाद मध्य जोन के आला अधिकारी थाने पहुंचकर आरोपी सिपाही से कई घंटों तक पूछताछ करते रहे। मामला यहां तक पहुंच गया कि खुद पुलिस कमिश्नर को थाने जाकर सिपाही से पूछताछ करनी पड़ी। इस मामले की जांच एसीपी कृष्णानगर को सौंपी गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कानपुर के व्यापारी ने कृष्णानगर थाने मे तैनात सिपाही पर गांजा तस्करी करने की बात कहकर उसके कर्मचारी से 12 लाख रुपये लूटने का आरोप लगाया है। व्यापारी के मुताबिक वारदात 26 मई की है। रविवार को पुलिस अधिकारी आरोपी सिपाही से कई घंटों तक पूछताछ करते रहे। इस बीच व्यापारी से रूपये लेकर तीन कर्मचारी मोबाइल बंद कर गायब हो गये है। पुलिस ने लोकेशन निकाली तो दो दिन पहले बिहार में मिली है। काफी पेंचीदा मामला देखकर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर खुद कृष्णानगर थाने पहुंचे।

पुलिस के मुताबिक, पीड़ित व्यापारी की जमीन खरीदने के लिए रुपये लेकर उसके कर्मचारी आए थे लेकिन अब वह लापता है। इससे मामला और उलझ गया है। वहीं सिपाही की भूमिका भी संदिग्ध मिली है। इसकी जांच एसीपी कृष्णानगर को सौंपी गई है। जिसकी रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। सिपाही की भूमिका कितनी संदिग्ध है। इसकी स्थिति तीनों कर्मचारी के मिलने के बाद साफ होगी। तीनों कर्मचारियों के मोबाइल पर पुलिस लगातार संपर्क कर रही है। फिलहाल मुकदमा दर्ज नहीं किया गया है।

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गांजा तस्कर आने की सूचना पर पकड़ा
प्रभारी निरीक्षक महेश दुबे के मुताबिक विजय नगर चौकी पर तैनात वर्ष 2016 बैच के सिपाही देवेश कुमार को 26 मई को सूचना मिली थी कि अंजनी उपाध्याय नाम का एक आदमी गांजा लेकर आ रहा है। इस पर उसने अपने एक साथी सिपाही के साथ अंजनी को पकड़ा और उसे कुछ देर तक ले गया। रास्ते में तलाशी ली तो उसके पास गांजा नहीं मिला। इस पर उसे छोड़ दिया गया। 29 मई को कानपुर के व्यापारी कपिल आहूजा ने पुलिस अफसरों से शिकायत की कि उनका कर्मचारी अंजनी उपाध्याय दो लोगों के साथ पत्रकारपुरम में एक जमीन का सौदा करने के लिये उनका 12 लाख रुपये लेकर लखनऊ आया था। तभी दो सिपाहियों ने उन्हें रोक गांजा तस्करी करने का आरोप लगाकर रोक लिया था। दोनों सिपाही उन्हें जीप पर ले गये। रास्ते में एक सिपाही दो लोगों के साथ उतर गया जबकि अंजनी को लेकर देवेश कुछ देर आगे गया। वहां रुपये छीन कर उसे भगा दिया।

बिहार भाग गये व्यापारी के कर्मचारी
डीसीपी मध्य जोन सोमेन वर्मा के मुताबिक व्यापारी कपिल आहूजा का कर्मचारी अंजनी मूलरूप से बिहार का रहने वाला है। वारदात के बाद से वह फरार चल रहा है। अंजनी के साथ दो अन्य कर्मचारियेें के लोकेशन 28 मई को बिहार में मिली है। इसके बाद से तीनों के मोबाइल बंद आ रहे हैं। इन तीनों के जाल में फंसे एक और व्यापारी ने भी अपना रुपया इसी तरह गायब होने की शिकायत की है। इसके बाद ही मामला उलझ गया है। पीड़ित व्यापारी ने तीनों के मोबाइल नंबर दिये हैं। जमीन खरीदने वाले बिचौलिये के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। वहीं सिपाही से अब तक की पूछताछ में कुछ बातें संदिग्ध लगी है। उससे पूछताछ की जा रही है। बिहार पुलिस से भी संपर्क किया गया है।

सिपाही बार-बार बदलता रहा बयान
पुलिस के अधिकारियों ने आरोपी सिपाही देवेश से कई बार पूछताछ की। इस दौरान उसने कई बार बयान बदले। इससे उस पर संदेह गहरा गया है। आरोपी सिपाही से डीसीपी मध्य सोमेन वर्मा, एडीसीपी मध्य जोन चिरंजीव नाथ सिन्हा और एसीपी कृष्णानगर ने पूछताछ की। इसके बाद देर शाम को पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर भी कृष्णानगर थाने पहुंचे। सभी अधिकारियों के सामने सिपाही के बयान में काफी अंतर था। इसलिए पुलिस अधिकारी उसकी भूमिका को संदिग्ध मान रहे हैं। जांच के बाद ही आगे की कार्रवाही की जाएगी। डीसीपी सोमेन वर्मा ने बताया कि इस मामले की जांच एसीपी को सौंपी गई है। जल्द ही उनकी रिपोर्ट आ जाएगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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