
लखनऊ: केंद्र सरकार की तरफ से तीनों कानून वापस लिए जाने के ऐलान के बाद सिंधु बॉर्डर पर शनिवार को एक अहम बैठक हुई। संत किसान मोर्चा के किसान संगठनों के द्वारा हुई बैठक में फैसला लिया गया कि आंदोलन अभी खत्म नहीं होगा। मोर्चा के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम जारी रहेंगे। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के 9 सदस्य कमेटी ने बैठक में इसका फैसला किया गया है।
संत किसान मोर्चा की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 26 नवंबर को बॉर्डर पर भारी भीड़ बढ़ाई जाएगी और 29 नवंबर को संसद की ओर ट्रैक्टर रैली कर कुछ किया जाएगा। वही किसान नेता ने कहा कि जब तक किसानों की पूरी मांगे पूरी नहीं हो जाती तब तक आंदोलन समाप्त नहीं होगा। बता दें कि आंदोलन की आगामी रणनीति को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की आज बड़ी बैठक होगी।
गौरतलब है कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा की 22,26 और 29 नवंबर को जो कार्यक्रम प्रस्तावित है वह जारी रहेंगे। 22 नवंबर को लखनऊ में होने वाली रैली का आयोजन किया जाएगा वहीं 26 नवंबर को किसान आंदोलन के 1 वर्ष पूरे होने पर किसान जश्न मनाएंगे तो 29 नवंबर को आंदोलनरत किसान संसद की ओर ट्रैक्टर रैली कर कूच करेंगे।
कल लखनऊ में आयोजित होगी महारैली
गौरतलब है कि 22 नवंबर को लखनऊ के इको गार्डन में किसानों के द्वारा बुलाई गई महापंचायत की महारैली का आयोजन किया जाएगा। सिंधु बॉर्डर पर बैठे किसान नेताओं ने कहा कि अगर देश के किसी भी कोने से किसानों को लखनऊ कुछ करने के लिए मना किया गया तो आंदोलन वहीं से शुरू किया जाएगा। खासकर उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी को लेकर सरकार को आगाह किया उन्होंने कहा कि यदि हम लखीमपुर खीरी में हमारे साथियों को परेशान करने की कोशिश की जाती है तो हम लखीमपुर खीरी इलाके से ही आंदोलन चलाएंगे। सिंधु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के किसान नेता गुरनाम सिंह चन्नी ने कहा कि सरकार ने तीनों के इस कानूनों को वापस लेने के लिए बोला है तो वह इसको कब तक वापस लेंगे इसके बारे में कुछ ठोस कदम नहीं है और ना ही एमएसपी पर कोई बात है।