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लखनऊ:अलकायदा के दो आंतकियों का केस लड़ेगी जमीयत-उलमा-ए-हिन्द
यूपी के देवबंद में जमीयत उलमा-ए-हिंद ने राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किए गए अलकायदा के दो आतंकियों का केस लड़ने का ऐलान किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जमीयत उलमा-ए-हिंद ने गिरफ्तार किए गए दोनों आतंकियों के दिल्ली में रह रहे पारिवारिक जनों से संपर्क साधा है।
बताया गया कि गिरफ्तार किए गए अलकायदा के दो आतंकियों मुसीरुद्दीन और मिनहाज के बारे में यह एलान किया गया है। मिनहाज के पिता ने जमीयत को पत्र लिखकर कानूनी मदद मांगी है।
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इस संबंध में जमीयत उलमा कानूनी इमदाद कमेटी के अध्यक्ष गुलज़ार आज़मी ने बोला कि आरोपियों के परिजनों की ओर से कानूनी सहायता का अनुरोध प्राप्त होने और अध्यक्ष जमीयत उलमा-ए-हिंद मौलाना अरशद मदनी के आदेश पर आरोपियों को काूननी सहायता मुहैया कराई जाएगी।
आपको बता दे कि आरोपियों के बचाव में वकील फुरकान खान को नियुक्त किया गया है और उन्हें आदेश दिया गया है कि वह अदालत से मुकदमे से संबधित दस्तावेजों को निकालें जिसमें रिमांड रिपोर्ट, FIR की प्रति व अन्य कागजात शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में आरोपी पुलिस की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में हैं और मुकदमे की अगली सुनवाई पर आरोपियों के बचाव में वकील फुरकान अदालत में उपस्थित रहेंगे। गुलजार आजमी ने कहा कि राजधानी लखनऊ के प्रसिद्ध और वरिष्ठ वकील मुहम्मद शुऐब ने भी जमीयत उलमा से आरोपियों का मुक़दमा लड़ने का अनुरोध किया था।
मौलाना सैयद अरशद मदनी ने कहा कि जमीयत के प्रयासों से अब तक सैकड़ों युवक आतंकवाद के मुकदमो में रिहा हो चुके हैं, जो यह प्रमाणित करता है कि जांच एजेंसियां बिना सबूत के धर्म के आधार पर उन्हें गिरफ्तार कर लेती हैं और एक लंबे समय के बाद अदालतें उन्हें सम्मानजनक छोड़ देती हैं।
लेकिन प्रश्न यह है कि जांच एजेंसियों के इस पक्षपातपूर्ण रवैये से मुस्लिम युवकों के जो साल बर्बाद हो जाते हैं उन्हें कौन लौटाएगा? इसीलिये जमीयत उलमा ने फास्टट्रैक अदालत की मांग की थी, ताकि जल्द ट्रायल हो। उन्होंने कहा कि यदि वे वास्तव में दोषी हैं तो सज़ा मिले अगर निर्दोष हैं तो उन्हें रिहा कर दिया जाए।