झारखंड में शराब दुकान के कर्मचारी वेतन को लेकर परेशान, खाली कार्टन से पैसे वसूल रही कंपनी
कंपनी ने शराब की दुकान में काम करने के लिए रोजगार कार्यालय और उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से भर्ती की थी, लेकिन सेल्समैन ने कहा कि कंपनी श्रम कानूनों का पालन नहीं कर रही है।
झारखंड में एक शराब की दुकान पर काम करने वाले सेल्समैन को तीन महीने से वेतन नहीं मिला है। एक ओर जहां एक करोड़ का दैनिक राजस्व मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर कर्मचारी भी अपने वेतन को लेकर चिंतित हैं। दुकानों में काम करने वाले सेल्समैन ने जिलों के उपायुक्तों से शिकायत की है। उन्होंने इस बात की जानकारी आबकारी विभाग के आबकारी आयुक्त को दी है। कंपनी ने शराब की दुकान में काम करने के लिए रोजगार कार्यालय और उपायुक्त कार्यालय के माध्यम से भर्ती की थी, लेकिन सेल्समैन ने कहा कि कंपनी श्रम कानूनों का पालन नहीं कर रही है। समय पर वेतन नहीं देने पर दुकानें बंद कर दी जाएंगी।
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झारखंड में नई आबकारी नीति के तहत JSBCL द्वारा शराब की दुकानें चलाई जा रही हैं। उन्हें विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से शराब की दुकानों पर शराब बेचने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। हालांकि नई व्यवस्था के तहत दुकानें खुलने के बाद से उन्हें वेतन नहीं मिला है।
राज्य सरकार का इरादा 2022-23 में लगभग 2,300 करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का है। नई शराब नीति लागू होने से पहले अप्रैल 2022 में केवल 109 करोड़ रुपये, मई 2022 में 188 करोड़ रुपये और जून 2022 में लगभग 180 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।