
कैसे बदल रही है युवाओं की जीवन शैली ?
lifestyle of Indian youth : बीते कुछ वर्षों में तकनीकी इतनी आगे बढ़ चुकी है कि इसका असर अब युवाओं की जीवन शैली पर बखूबी देखने को मिल जाता है हाथ में मोबाइल लिए कान में इयरफोन लगाएं तेज गाने सुनते हुए अपनी ही धुन में रहने वाले युवा आखिर कैसे बदलती तकनीक के गुलाम होते जा रहे हैं।

देर रात तक पार्टियां शराब सिगरेट, लिव इन रिलेशनशिप को एक टशन मानने वाली आज की युवा पीढ़ी आधुनिकता और तकनीक दोनों की जकड़ में बुरी तरह फंस चुकी है फिर चाहे भारत का वह कोई भी शहर हो बड़ा हो या छोटा शहर, किए गए अध्ययन में यह पाया गया है कि फेसबुक व्हाट्सएप इंस्टाग्राम और ऐसी कई सोशल नेटवर्किंग साइटों के गुलाम हमारे भारत के युवा होते जा रहे हैं।
इसी गुलामी के चलते युवाओं की जीवन शैली में बड़ा बदलाव देखा जा सकता है युवाओं की सोच में व्यापक रूप से बदलाव आ रहा है हर हाथ में तेजी से पहुंच रहे स्मार्टफोन और लगभग मुफ्त में मिल रही इंटरनेट सेवाओं के कारण जीवन शैली में बदलाव की प्रक्रिया को तेजी से मापा जा सकता है अब युवा सुबह उठते ही सबसे पहले अपना स्मार्टफोन चेक करता है सोशल मीडिया नेटवर्किंग वेबसाइट चेक करता है। जिसके कारण समाज से युवा दूर होते जा रहे हैं।
मोबाइल ही जीवन
आज के समय में युवाओं को बस मोबाइल की ही आवश्यकता सबसे ज्यादा महसूस होती है दरअसल मोबाइल फोन ने युवाओं को इस हद तक अपना आदि बना दिया है कि बिना उसके जीवन यापन करना युवाओं के लिए बड़ी समस्या पैदा करता है युवा मोबाइल फोन और सोशल मीडिया की वेबसाइट पर इतना तकलीफ रहते हैं कि मैं भूल गए हैं कि इससे बाहर भी एक जीवन है इससे बाहर भी एक दुनिया है जिस दुनिया में उन्होंने जन्म लिया है।
पूरे मामले पर कुछ जानकार विशेषज्ञ मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि आज का युवा स्वयं की छवि को लेकर बहुत चिंतित रहता है इसलिए सोशल मीडिया के माध्यम से वे उस चीज के बारे में दिखाना और बताना चाहता है जो उसके पास है उसकी जीवन शैली पर जिस तरह से तक नहीं खाली हो रही है उसका सहारा लेते हुए हर्षण एक आनंद लेते हुए युवा अपने जीवन की हर छोटी से छोटी चीज सोशल मीडिया वेबसाइट्स पर शेयर करता है।
युवा अपने जीवन के आनंद लेने के बजाय यह दिखाना चाहता है कि उसके जीवन कैसा है और उसके जीवन में क्या समस्याएं चल रही है वास्तव में वह कुछ नहीं होता लेकिन मैं बताना चाहता है कि उसका जीवन दूसरों की तुलना में बेहद सफल और अच्छा है मोबाइल फोन और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के अलावा जो आधुनिक युवाओं के जीवन पर बहुत बड़ा प्रभाव डाल रहा है।
देखा जाए तो सोशल मीडिया का इस्तेमाल इतना भी बुरा नहीं होता है हर चीजों के कुछ अच्छे और बुरे लाभ होते हैं ऐसे में युवाओं को इस बात का चयन करना बहुत आवश्यक होता है कि वह किसी भी चीज की लत ना लगने दे। इंसान के मस्तिष्क पर इतना काबू होना चाहिए कि कोई भी चीज उस पर हावी ना हो सके। क्योंकि यह एक सामाजिक बदलाव का दौर चल रहा है जिसमें विभिन्न माध्यमों से आज जहां एक और संपर्क का दायरा कम हो रहा है वहीं दूसरी और इसकी वजह से युवाओं में अकेलापन और कई तरीके की बीमारियां भी देखी जा रही है।
आधुनिकता की गलत प्रभाव से युवाओं का काम करने का और सोचने का तरीका बदल जाता है वह फास्ट लाइव जीना चाहते हैं वह शॉट रास्ते पर अपनी कामयाबी हासिल करना चाहते हैं इस जीवनशैली ने युवा की सोच के साथ-साथ उनकी सहनशीलता और मोरल वैल्यू को भी चोट पहुंचाई है घर पर खाने की जगह पिज़्ज़ा बर्गर और मोमोज उनकी पसंद बन गए हैं इस बात का असर यह हो रहा है कि शारीरिक ही नहीं युवा मानसिक रोगों के भी बड़े शिकार पाई जा रहे हैं।