दो वोट के लिए दो मर्डर कराने के मामले में प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद, SC बोला- ऐसा केस पहले नहीं देखा
70 साल के प्रभुनाथ सिंह की उम्र जानकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भगवान ही मालिक
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सन् 1995 के मशरख डबल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। मृतक के परिवारों को 10-10 लाख रुपये और घायल के परिवार को पांच लाख रुपये मुआवजा देने का आदेश दिया है।
सुनवाई के दौरान न्यायाधीश संजय किशन कौल ने कहा कि दो विकल्प हैं… या तो हम जीवन दें या मौत। फिर जस्टिस विक्रम नाथ ने पूछा- प्रभुनाथ सिंह की उम्र कितनी है? उनके एडवोकेट ने बताया कि 70 साल के हैं। इसके बाद जस्टिस ने कहा, तब तो भगवान ही मालिक हैं। ऐसा केस, आज से पहले नहीं देखा।
इस मामले में 2008 में कोर्ट ने कर दिया था बरी
बता दें कि पटना की एक कोर्ट ने प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में साल 2008 में रिहा कर दिया था। इसके बाद साल 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस निर्णय को सही ठहराया था। फिर पीड़ित के भाई ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी। इस मामले में 18 अगस्त को ही सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई थी। शीर्ष अदालत ने प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया था। फिलहाल 70 वर्षीय प्रभुनाथ सिंह, विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारा में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
वोट न देने पर हुई थी दो लोगों की हत्या
सन् 1995 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान छपरा के मशरख में 18 वर्षीय राजेंद्र राय और 47 वर्षीय दरोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आरोप था कि दोनों ने ही प्रभुनाथ सिंह के कहे अनुसार वोट नहीं दिया था। बता दें कि यह वही चुनाव था, जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को मात दी थी। इसके बाद प्रभुनाथ सिंह ने 90 दिनों के अंदर अशोक सिंह की हत्या करने की धमकी दी थी। 3 जुलाई, 1995 के दिन अशोक सिंह की हत्या हो गई, जो उनके विधायक बनने का 90वां दिन था।
प्रभुनाथ सिंह के बारे में
सन् 1985 में प्रभुनाथ सिंह पहली बार मशरख से निर्दलीय चुनाव लड़कर विधायक बने थे। सन् 1990 में लालू प्रसाद की पार्टी से विधायक बने। 1998, 1999, 2004 व 2013 में महाराजगंज से लोकसभा का चुनाव जीते। सन् 1995 में विधायक अशोक सिंह की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में अशोक के भाई तारकेश्वर सिंह जीते। प्रभुनाथ सिंह पर एक चुनाव प्रचार में तत्कालीन जिलाधिकारी कुंदन कुमार को धमकी देने का आरोप लगा था। उन्होंने डीएम को कफन खरीदने की बात कही थी। पुलिस ने प्रभुनाथ सिंह पर दो मामले दर्ज किए थे और बाद में प्रभुनाथ ने इसे नकारते हुए अपनी सफाई दी थी। प्रभुनाथ सिंह की सीवान के पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के साथ भी रंजिश रही है।