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जानें कैसे क्रिकेट जगत में उभरता हुआ सितारा बने थे कपिल देव  

कपिल देव, भारतीय क्रिकेट के पहले सुपरस्टार का ध्यान आते ही उनकी कई छवियां जेहन में उभरती है। लार्ड्स की बालकनी में वर्ल्ड कप उठाए कपिल देव या अपनी आउट स्विंग गेंदों से विपक्षी टीमों को छकाते कपिल, या जिंबाब्वे के ख़िलाफ़ नाबाद 175 रनों की पारी खेलने वाले कपिल। इस दौरान टेस्ट और वनडे क्रिकेट में बतौर आलराउंडर वे मुकाम दर मुकाम भी बनाते गए. टेस्ट में 5000 से ज्यादा रन और 400 से ज्यादा विकेट. वनडे में 3000 से ज़्यादा रन और 250 से ज्यादा विकेट.

इन सबके साथ कपिल देव का वो चेहरा भी सामने आता है जो बाद में टेस्ट मैचों में एक एक विकेट के लिए संघर्ष करते दिखे.

लेकिन उनकी इस तमाम छवियों से अलग हम आपको कपिल की उन छवियो के बारे में बता रहे हैं जिनके बारे में दुनिया ज़्यादा नहीं जानती.

‘सबसे बेहतरीन स्ट्राइक रेट’

कपिल देव ने भारत की ओर से कुल 225 वनडे मैच खेले. इन मैचों में उन्होंने कुल 3783 रन बनाए. इस दौरान उनकी स्ट्राइक रेट 95.07 रही, यानी प्रति 100 गेंद पर 95.07 रन. इस आंकड़े की अहमियत इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि कपिल ने अपना आखिरी वनडे मैच अक्टूबर, 1994 में खेला था, तब तक क्रिकेट की दुनिया में बल्लेबाज़ों का तूफ़ानी दौर शुरू नहीं हुआ था.

वैसे आपको ये जानकर अचरज होगा वनडे मुक़ाबलों में कपिल की ये स्ट्राइक रेट, सचिन तेंदुलकर, एमएस धोनी, विराट कोहली, विवियन रिचर्ड्स और युवराज सिंह जैसे बल्लेबाज़ों की तुलना में ज़्यादा है. इस मामले में उनसे आगे वीरेंद्र सहवाग और एडम गिलक्रिस्ट ही हैं.

कपिल के साथ क्रिकेट खेल चुके सैयद किरमानी की मानें तो कपिल की बड़ी खासियत यही थी कि वे बोलते कम थे, उनका काम बोलता था. चाहे वो बैटिंग हो या फिर बॉलिंग। 

1975 में कपिल देव ने अपने क्रिकेट की शुरुआत घरेलू क्रिकेट में हरियाणा की ओर से खेलते हुए की। इन्होंने हरियाणा के लिए पंजाब के विरुद्ध मैच खेला था, जिसमें कपिल देव ने 6 विकेट के साथ हरियाणा को शानदार जीत दिलाकर, पंजाब को 63 रन पर ही ढेर कर दिया था।

1976 में जम्मू कश्मीर के विरुद्ध खेले गए एक मैच में इन्होंने 08 विकेट लिए तथा 36 रन बनाये और उन्होंने उसी वर्ष बंगाल के विरुद्ध 07 विकेट तथा 20 रन बनाये थे। इन दोनों मैचों में इनकी प्रतिभा सबको दिखाई देने लगी। 

अंतरराष्ट्रीय करियर

1978 में इनका चयन टीम इंडिया में पाकिस्तान के दौरे ले लिए हो गया, लेकिन वे इस दौरे पर कुछ खास कमाल नहीं कर पाये। फिर बाद में उन्होंने 5 टेस्ट मैच के बाद अपना पहला टेस्ट शतक लगाया था। उस समय कपिल सबसे कम उम्र में शतक लगाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गये थे। कपिल देव ने मात्र 20 साल की उम्र में दिल्ली में 126 रनों की पारी खेली थी। 

1982 में श्रीलंका में मैच पर इन्हें वेस्टइंडीज में हो रही एकदिवसीय मैचों की श्रृंखला में कप्तान बनने का मौका मिला। उस समय वेस्टइंडीज टीम का काफी बोलबाला था, मतलब उस समय वेस्टइंडीज टीम को हराना नामुमकिन सा था।

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उस मैच में सुनील गावस्कर की शानदार पारी खेली, वहीं कपिल देव ने 72 रन बनाने के साथ-साथ 2 विकेट भी चटकाए थे, जिसके सहारे वेस्टइंडीज को हराया था। इसी जीत की बदौलत भारत को आने वाले वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज को हरा पाने का विश्वास बढ़ गया। जो कि विश्व कप हासिल करने में दिखाई दिया था। 

1983 का वर्ल्ड कप (Kapil Dev World Cup 1983 ) :

भारत को सेमीफइनल में पहुंचने के लिए ज़िम्बाब्वे से मैच जीतना आवश्यक था। उस मैच में भारत लगभग हार की ओर बढ़ ही रहा था कि इसी मैच के दौरान कपिल देव ने 138 गेंदों में 175 रन बनाकर ज़िम्बाब्बे की गेंदबाजी को धोकर रख दिया। इसी मैच में कपिल देव ने शानदार गेंदबाजी करते हुए 5 विकेट भी लिए थे। 

1983 में कपिल देव ने वेस्टइंडीज के खिलाफ विश्व कप जीतकर क्रिकेट जगत में सनसनी फैला दी थी। कपिल देव ने 1983 में अपने जीवन की सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करते हुए, 83 रन देकर 9 विकेट लिये थे। इस शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत भी क्रिकेट की दुनिया का सितारा बनकर सामने आया

कपिल देव अपने जीवन में 132 टेस्ट मैच खेले जिसमें 5248 रन तथा 8 शतक और 434 विकेट भी लिये, इतना ही नही कपिल देव ने 64 कैच भी पकडे हैं। कपिल ने अपने तेज गेदबाजी से भी विश्व पर अपनी अलग धाक जमाई, एक समय था, जब कपिल के 434 टेस्ट विकेट का रिकार्ड कई सालो तक रहा था। कपिल देव ने ही सबसे पहले सर रिचर्ड हेडली के सर्वाधिक टेस्ट विकेटों का रिकार्ड्स तोडा था। 

कपिल देव का बिजनेस (Kapil Dev Business) :

कपिल देव अभी चंडीगढ़ के कपिल्स इलेवेन रेस्टोरेंट के मालिक हैं। कपिल देव ने छोटे-मोटे हिंदी सिनेमा में किरदार भी किये हैं। इकबाल, चैन खुली की मैंन खुली, और मुझसे शादी करोगी जैसी हिंदी फिल्मो में भी काम किया है। कपिल देव ने क्रिकेट के अलावा कई सामाजिक कार्य भी किये है। 2005 में कपिल देव ने एक ‘खुशी’ नामक एक सामाजिक संगठन की स्थापना की थी। 

पुरस्कार और सम्मान (Kapil Dev The Honors) :

  • 1979 में इन्हें भारत सरकार द्वारा ‘अर्जुन पुरस्कार’ दिया गया
  • 1982 में इन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्म श्री’ पुरस्कार दिया गया
  • 1983 में इन्हें ‘विजडन क्रिकेटर ऑफ़ द ईयर’ पुरस्कार दिया गया
  • 1991 में इन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण’ दिया गया
  • 2002 में सदी के ‘विजडन इंडियन क्रिकेटर ऑफ़ द सेंचुरी’ से सन्मानित किया गया
  • 2008 में भारतीय सेना में ‘लेफ्टिनेंट कर्नल’ का पद ग्रहण कर लिया
  • 2010 में ‘ICC क्रिकेट हॉल ऑफ़ फेम’ पुरस्कार से उनको सन्मानित किया गया

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