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जम्मू कश्मीर के बनतालाब में दी गयी कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट को अंतिम विदाई, कल आतंकियों ने मारी थी गोली

जम्मू कश्मीर : कश्मीर के बडगाम जिले के चाडूरा में कल यानी गुरुवार शाम को आतंकियों ने तहसील कार्यालय में घुसकर कश्मीरी पंडित(Kashmiri Pandit ) कर्मचारी राहुल भट्ट(Rahul Bhatt ) की गोली मारकर हत्या कर दी। जहां आज यानी शुक्रवार सुबह बनतालाब में राहुल का अंतिम संस्कार किया गया है। इस दौरान जम्मू के एडीजीपी मुकेश सिंह(ADGP Mukesh Singh) समेत डिविजनल कमिश्नर रमेश कुमार और डिप्टी कमिश्नर अवनी लवासा मौजूद रही। फिलहाल हमले के बाद आतंकियों का खोजने में पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। इस हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली है।

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राहुल भट्ट की बाद लोगों में दिखा आक्रोश

राहुल भट की हत्या के विरोध में कश्मीरी हिंदुओं ने बडगाम में विरोध प्रदर्शन किया और जम्मू के रूपनगर और बंटलाब में सड़कों को जाम कर दिया गया। प्रदर्शनकारियों ने राहुल की पत्नी को सरकारी नौकरी और उनकी बेटी को मुफ्त शिक्षा की मांग की। राहुल भट्ट के परिवार और दोस्तों ने आरोप लगाया कि उन्हें उनकी आस्था के कारण निशाना बनाया गया और उनके लिए न्याय की मांग की।

बडगाम के चदूरा इलाके में तहसीलदार कार्यालय में क्लर्क राहुल भट को उस समय गोली मार दी गई जब वह काम कर रहा था। आतंकवादियों ने चदूरा में तहसील कार्यालय में घुसकर उन पर गोलियां बरसाईं। कश्मीर पुलिस ने कहा, ‘तहसीलदार कार्यालय चदूरा, बडगाम में आतंकवादियों ने अल्पसंख्यक समुदाय के एक कर्मचारी राहुल भट पर गोलियां चलाईं। उसे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया है। घायल को तुरंत इलाज के लिए श्रीनगर के एसएमएचएस अस्पताल लाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया। प्रारंभिक जांच से पता चलता है कि 2 आतंकवादी इस जघन्य अपराध में शामिल हैं और उन्होंने इस अपराध को करने के लिए पिस्तौल का इस्तेमाल किया है।’

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कश्मीरी पंडितों ने की सुरक्षा की मांग

बता दें कि राहुल भट पिछले छह महीने में मारे जाने वाले तीसरे कश्मीरी पंडित हैं। दो अन्य घायल किए गए। कश्मीर में लक्षित हत्याएं अक्टूबर में शुरू हुईं। पीड़ितों में ज्यादातर प्रवासी श्रमिक थे जो नौकरी की तलाश में आए थे और कश्मीरी पंडित थे। अक्टूबर में, पांच दिनों में सात नागरिक मारे गए – उनमें एक कश्मीरी पंडित, एक सिख और दो प्रवासी हिंदू शामिल थे। कुछ ही समय बाद, कई कश्मीरी पंडित परिवार अल्पसंख्यक समुदाय का घर कहे जाने वाले शेखपोरा में अपने घरों से भाग गए। जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में कल शाम से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। कश्मीरी पंडित समुदाय के एक 36 वर्षीय सरकारी कर्मचारी की हत्या के मद्देनजर सब सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।

 

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