अनुमान यह भी लगाया जा रहा है की , तीन आरोपी दूसरे समुदाय के हैं। माँ के द्वारा दिए गये बयान के अनुसार नाबालिग बेटियां घर के बाहर लगी मशीन पर चारा काटने गईं थी। शाम करीब पांच बजे पड़ोसी गांव के तीन युवक बाइक पर सवार होकर आए और दोनों को जबरन बाइक पर बैठाकर भागने लगे। मां ने शोर मचाते हुए बाइक सवारों का पीछा किया, लेकिन वे उन्हें धक्का देकर भाग निकले। शोर सुनकर गांव वाले भी इकट्ठा हो गए और आरोपियों की तलाश शुरू की। करीब एक घंटे बाद गांव के ही एक व्यक्ति के खेत में उनका शव खैर के पेड़ से लटका मिला।
लखीमपुर के निघासन में एक बाइक पर तीन सवार आए। दोनों बहनों को खींचा। बेटियों को उनके चंगुल से छुड़ाने के लिए मां भिड़ी तो उसे धक्का दे दिया और भेड़ियों की तरह बाइक पर टांग ले गए। यह किस्सा मृत बेटियों की मां ने बताया। घटना के करीब पौन घंटे बाद बेटियों का खेत में फंदे से लटकते हुए शव देख मां-बाप पछाड़ खाकर जमीन पर गिर गए। मृतका की मां ने बताया कि बताया कि पड़ोसी गांव के तीनों आरोपी पड़ोस के एक घर में अक्सर आते-जाते थे और घर के आसपास चक्कर काटते थे। उसे उम्मीद न थी कि ऐसा भी हो सकता है।
अनुसूचित जाति के परिवार का घर गांव के उत्तरी छोर पर घर है, जहां से गन्ने के खेत शुरू हो जाते हैं। गांव की बस्ती थोड़ी दूरी पर है। बुधवार की शाम को बेटियों का पिता धान काटने गया था। घर पर उसकी बीमार पत्नी और दो नाबालिग बेटियां थीं।मृतका की मां ने बताया कि शाम पांच बजे के करीब उनकी बड़ी बेटी (17) व छोटी बेटी (15) घर के बाहर लगी चारा मशीन पर जानवरों के लिए चारा काटने जा रही थी कि तभी सफेद बाइक पर सवार तीन युवक दोनों बेटियों को दबोचकर बाइक पर बैठा ले गए। बिटिया को बचाने की कोशिश में उसे भी चोटें आईं।