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भारतीय रेलवे ने जानिए हिमाचल समेत इस राज्य के इन स्टेशनों को बंद करने क्यों कि घोषणा?

आमदनी न होने के चलते रेल डिवीजन फिरोजपुर ने पंजाब के 11 और हिमाचल प्रदेश के 2 स्टेशन बंद कर दिए हैं। अब इन स्टेशनों पर ट्रेनें नहीं रोकी जाएंगी।

 

 

आमदनी न होने के चलते रेलवे ने लिया फैसला

 

 

जिन स्टेशनों को बंद किया गया है। उनमें हिमाचल प्रदेश और पंजाब का एक-एक धार्मिक स्टेशन भी शामिल है। 63 साल पुराने रेलवे स्टेशन को भी बंद कर दिया है। वहीं रेलवे के इस फैसले से इन स्टेशनों के पास रहने वाले ग्रामीण नाराज हैं। ये स्टेशन तरनतारन, अमृतसर, फिरोजपुर, लुधियाना और पठानकोट रेल सेक्शन पर बने हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने आमदनी नहीं होने के चलते पंजाब में पड़ते रेलवे स्टेशन वैनपोईं, दुखना वारन, भलोजाला, घंद्रण, जांडोक, चौंतड़ा भटेड (हिमाचल प्रदेश), कोटला गुजरा, संग्राना साहिब (गुरुद्वारा), भनोहड़ पंजाब, वरपाल (जीआरवी), मालमोहरी, बैजनाथ मंदिर (हिमाचल प्रदेश) व मंदहाली को पूर्ण तौर पर बंद कर दिया है।

 

 

स्टेशन दोबारा शुरु करने की रखी मांग

 

 

जिन लोगों ने टिकट बेचने का ठेका लिया था। उन्हें स्टेशन बंद करने संबंधी पत्र जारी कर दिया गया है। कई स्टेशन बहुत पुराने हैं उन्हें भी रेलवे ने बंद कर दिया है। इन स्टेशनों के साथ कई गांव लगते हैं, ऐसे में यहां के ग्रामीण स्टेशन बंद करने से नाराज है।क्योंकि अब ट्रेनें उक्त स्टेशनों पर नहीं रुकेंगी। फिरोजपुर और लुधियाना के बीच स्थित भनोहड़ स्टेशन हैं, जो आठ दिसंबर 1958 में लोगों की सुविधाओं को देखते हुए बनाया था। यहां के ज्यादातर नौजवान सेना में कार्यरत हैं। ग्रामीणों ने बताया कि, यहां से रोजाना करीब सौ लोग ट्रेनों में सफर करते हैं। कोविड-19 के दौरान दो साल तक ट्रेनें बंद रही और अब भी पूरी ट्रेनें नहीं चल रही हैं। लोगों की मांग है कि बंद किए सभी स्टेशन दोबारा से शुरू किए जाएं और ट्रेनों का स्टापेज निश्चित किया जाए।

 

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