
जानिए आखिर क्यों मनाया जाता है International Day of Happiness
दुनियाभर में 20 मार्च को हर साल अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे मनाया जाता है और आज 2022 का अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे है। संयुक्त राष्ट्र ने एक प्रस्ताव पेश कर 2013 में पहली बार अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे मनाने की घोषणा की थी। जिसके पीछे भी एक इतिहास है। इस दिन को मनाने का सबसे अहम कारण लोगों को सेहतमंद रहने के लिए हैप्पीनेस यानी खुशी के प्रति जागरूक करना है। इस साल अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे का थीम ‘बिल्ड बैक हैप्पीनेस’ है। ये थीम कोरोना के भीषण संकट को देखते हुए रखा गया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ ने 12 जुलाई, 2012 को एक प्रस्ताव पारित कर अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे मनाने की घोषणा करने के साथ साल 2013 में पहली बार भूटान में International Day of Happiness मनाया गया था। इसके बाद दुनियाभर में इस खुशी के दिन को लोग हर साल International Day of Happiness के तौर पर मनाने लगे। भूटान में इस दिन को लेकर अलग- अलग सुविधा दी जाती है। बता दें, इस दिन भूटान में राष्ट्रीय अवकाश रहती है, ताकि लोग अपने परिवार के साथ समय बीता सके और एकसाथ हसी – खुशी खुशियों भर पल बिता सकें।
खबरो की माने तो भूटान में लोग अपनी सेलेरी और रुपयो को बहुत कम अहमीयत देते हैं और उसके बदले खुशीयों को ज्यादा महत्व देने की कोशिश करते हैं। इस दिन से एक और खास कहानी जुड़ी हुई है और वो ये है कि साल 2015 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने गरीबी और असमानता को जड़ से मिटाने और धरती को बचाने का संकल्प पत्र पारित करने जैसा महान काम किया था।
कोरोना के कारण या आम जन – जीवन जो जीवन आजकल लोग बीता रहे हैं जिसमें लोगों की जिन्दगी इतनी भागदौड़ भरी है कि उन्हें अपने ही परीवार के साथ समय बीताने का वक्त नहीं मिल करहा है, ऐसे में आम लोगों के जीवन में इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है। इस दिन के बहाने ही सही एक दिन के लिए लोगों को तनाव भरी जिंदगी से छुटकारा मिलता है और खुशी के पल को जीने का मौका मिलता है। तनाव से शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ता है। और तनाव के कारण लोगों में मानसिक विकार पैदा होता है। जिसके बाद व्यक्ति काल्पनिक दुनिया में जीवन व्यतीत करने लगता है। इन्हीं सब परेशानियों को दूर करने के लिए अंतरराष्ट्रीय हैप्पीनेस डे का विशेष महत्व है। इस दिन का केवल एक उद्देश्य है वो है लोगों को खुशी देना और उन्हें खुश रहने के लिए जागरूक करना है।