
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार दोबारा सत्ता में वापस आ गई है। शपथ ग्रहण में 52 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के बीच प्रभाव रखने वाले भूपेंद्र सिंह चौधरी को दूसरी बार मंत्री बनाया गया है। भूपेंद्र चौधरी राजनीति के मझे हुए खिलाड़ी माने जाते हैं। संगठन में उन्होंने लंबे समय तक काम किया और पार्टी को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई। जिसका ईनाम पार्टी ने उन्हें दूसरी बार कैबिनेट मंत्री बनाकर दिया है।
पिछली योगी सरकार में वह पंचायती राज मंत्री रहे। जाटलैंड यानी पश्चिम उत्तर प्रदेश में उनके प्रयासों से भाजपा को काफी मजबूती मिली है। पार्टी ने उन्हें जाटलैंड की नाराजगी को दूर करने के लिए लगाया था। वहां उनके लगातार जमे रहने का पार्टी को विधानसभा चुनाव में लाभ मिला है।भाजपा ने इस बार भी उन्हें पार्टी को मजबूत किए जाने के लिए मेहनत करने का तोहफ दिया है।
भूपेंद्र सिंह चौधरी का जन्म मुरादाबाद जिले के महेंद्री सिंकदरपुर गांव में साल 1966 में एक किसान परिवार में हुआ था। भूपेंद्र सिंह चौधरी की शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई और फिर मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की। वह आगे चलकर विश्व हिंदू परिषद से जुड़े और फिर 1991 में उन्होंने भाजपा ज्वाइन की।
बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें जिला कार्यकारिणी में जगह दी गई। 1999 के आम चुनाव में बीजेपी ने उन्हें टिकट देकर सम्भल से चुनाव लड़ाया, लेकिन मुलायम सिंह यादव से चुनाव हार गए। इसके बाद बाद पार्टी ने उन्हें साल 2006 में क्षेत्रीय मंत्री और 2012 में क्षेत्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी। बाद में 2016 में भूपेंद्र चौधरी विधान परिषद सदस्य नामित किए गए और 2017 के विधानसभा चुनाव में पंचायतीराज राज्यमंत्री बनाया गया।