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जानें क्या है महिला क्रिकेट का इतिहास

भारत में क्रिकेट 17वीं शताब्दी में अंग्रेजों के साथ आया था, लेकिन इस विदेशी खेल को भारतीयों ने 19वीं शताब्दी में अपनाया था। हालांकि इस खेल से महिलाओं का जुड़ाव भारत में आजादी के दो दशक बाद देखा गया, लेकिन ये पुरूषों की तरह उतना व्यवस्थित नहीं था। 70 के दशक में भारत के कई क्षेत्रों में महिलाएं क्रिकेट खेल रही थीं, जिसे पहचान देने का काम महेंद्र कुमार शर्मा ने किया। महेंद्र कुमार एक क्रिकेट प्रेमी थे, जो चाहते थे कि भारत में महिला क्रिकेट को भी पुरूषों की तरह ही पहचान मिलनी चाहिए।

सन् 1973 में उन्होंने पहला बड़ा कदम उठाते हुए लखनऊ में सोसाइटी एक्ट के तहत भारतीय वीमेन क्रिकेट संघ का पंजीकरण करवाया। बेगम हमिदा हबीबुल्लाह इस संघ की पहली अध्यक्ष चुनीं गयीं और यही वह समय था जब पूरे देश में महिला क्रिकेट के बारे में चर्चा अखबारों में भी होने लगी। इतिहास में 26 जुलाई 1745 में महिलाओं द्वारा पहला क्रिकेट मैच खेला गया. लेकिन 1887 में पहली बार योर्कशायर में वीमेन क्रिकेट कल्ब का नाम सामने आया. तीन साल बाद इंग्लैंड में पहली टीम बनी जिसका नाम इंग्लैंड लेडी क्रिकेटर रखा गया.

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आस्ट्रेलिया में पहली वीमेन क्रिकेट लीग सन 1984 में आई. सन 1958 में अंतराष्ट्रीय महिला क्रिकेट परिषद की स्थापना की गई जिसका काम था विश्वभर में वीमेन क्रिकेट को कॉडिनेट करना. वीमेन क्रिकेट में और अधिक सुधार के लिए सन 2005 में अंतराष्ट्रीय वीमेन क्रिकेट परिषद को अंतराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद में विलय कर दिया गया.

India’s players celebrate after a victory against New Zealand during the Twenty20 women’s World Cup cricket match between New Zealand and India in Melbourne on February 27, 2020. (Photo by William WEST / AFP) / / IMAGE RESTRICTED TO EDITORIAL USE – STRICTLY NO COMMERCIAL USE

शुरू में वीमेन क्रिकेटर्स साल भर में 9 महीने ही क्रिकेट खेलती थीं, पहले तीन साल तक महिला क्रिकेट को खूब प्रचारित किया गया। सन् 1973 में पहली बार पुणे में तीन टीमों मुंबई, महाराष्ट्र और यूपी के बीच इंटर-स्टेट नेशनल टूर्नामेंट का आयोजन किया गया। उसी वर्ष इस टूर्नामेंट का दूसरा संस्करण वाराणसी में आयोजित किया गया, जिसमें 8 टीमों ने हिस्सा लिया। टूर्नामेंट के तीसरे संस्करण का आयोजन कलकत्ता में हुआ, जिसमें भाग लेने वाली टीमों की संख्या बढ़कर 14 हो गई। धीरे-धीरे इस टूर्नामेंट में सभी राज्यों से टीमें भाग लेने लगीं और बाद में रेलवे और एयर इंडिया में काम करने वाली महिला क्रिकेटरों की टीम भी इस टूर्नामेंट से जुड़ीं।

महिला क्रिकेट इतिहास –

  • बहुत कम लोग इस बात को जानते हैं कि सबसे पहली बार 26 जुलाई, 1745 को महिला टीम द्वारा क्रिकेट खेला गया था।
  • इसके बाद सबसे पहली बार इंग्‍लैंड में महिला टीम बनी थी जिसका नाम इंग्‍लैंड लेडी क्रिकेटर रखा गया था और पहला महिला वर्ल्‍डकप भी इंग्‍लैंड में ही खेला गया था। अंतर्राष्‍ट्रीय क्रिकेट परिषद में बाद में इसका विलय कर दिया गया था।
  • महिला क्रिकेट टीम का पहला टेस्‍ट मैच साल 1943 में इग्‍लैंड वुमेन टीम और ऑस्‍ट्रेलिया वुमेन टीम के बीच खेला गया था।
  • पहली बार महिला क्रिकेट विश्‍व कप की बात करें तो ये 1973 में इंग्‍लैंड में आयोजित किया गया था।
  • महिला क्रिकेट टीम को भारत में वुमेन इन ब्‍लू के नाम से भी जाना जाता है। महिला क्रिकेट टीम ने अपना पहला टेस्‍ट मैच 1976 में वेस्‍टइंडीज़ के खिलाफ बैंगलोर में खेला था।
  • इनका पहला एकदिवसीय मैच 1978 में कोलकत्ता में इंग्‍लैंड महिला क्रिकेट टीम के खिलाफ खेला गया था।
  • महिला क्रिकेट टीम ने अपना पहला 20-20 मैच 5 अगस्‍त 2006 को डर्बी में इंग्‍लैंड के खिलाफ खेला गया था।
  • साल 2002 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ विदेशी भूमि पर अपना पहला टेस्‍ट मैच भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने जीता था।

वैसे तो अब महिला क्रिकेट को भी लोग बहुत पंसद करते हैं लेकिन अभी भी क्रिकेट प्रेमियों पर पुरुष किक्रेट का खुमार ज्‍यादा रहता है। इसकी एक वजह ये भी हो सकती है कि पुरुष क्रिकेट बहुत पुराना है जबकि महिलाओं ने अभी कुछ समय पहले ही खेलना शुरु किया है।

अब लगता है कि महिला क्रिकेट टीम को ज्‍यादा लोकप्रियता पाने में थोड़ा समय लगेगा। वैसे भारत में तो क्रिकेट खेलने वाली महिलाओं को खूब सम्‍मान मिल रहा है। भारतीय महिला क्रिकेटर्स तो पुरुष क्रिकेटर्स की तरह विज्ञापनों में भी नज़र आने लगी हैं।

भारत में क्रिेकेटर्स को बहुत प्‍यार मिलता है और उम्‍मीद है कि महिला क्रिकेटर्स को भी देश और दुनिया द्वारा सराहा जाएगा। इसी आशा से महिला क्रिकेट टीम खूब मेहनत कर रही है। पहले के समय में क्रिकेट को महिलाओं के लिए नहीं समझा जाता था और लड़के ही इस खेल में अपना हाथ आज़माते थे लेकिन अब समय के साथ सोच भी बदल गई है और क्रिकेट की दुनिया में महिलाओं ने ना सिर्फ कदम रखा है बल्कि बहुत अच्‍छा नाम भी कमा रही हैं।

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