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जानिए क्या होता है सोलोगामी , ज्यादातर महिलाएं इसे क्यों कर रही स्वीकार

गुजरात की क्षमा बिंदू 11 जून को शादी के बंधन में बंधने जा रही हैं वो भी खुद से जी हैं वे सोलोगैमी अपना रही हैं। वैसे बता दें की सोलोगैमी का एक और भी नाम है इसे ओटोगैमी के नाम से भी बुलाते हैं। वहीं क्षमा अपनी शादी को लेकर खास चर्चाओं में आई हैं।

क्या होता है सोलोगैमी

बता दें की सोलोगैमी का मतलब होता है खुद से ही शादी करना, जी हां, सोलोगैमी अपनाने वाले लोग खुद को अधिक मूल्यवान मानते हैं। वे अपने आप से प्यार करना पसंद करते हैं। ये Self Love की ओर बढ़ाए जाने वाला कदम है। 

तो क्या ये सच में होगी शादी ?

जी हां, कई लोगों के मन में सवाल रहा होगा की ये कहने पर ही सोलोगैमी हो जाता है। जबकी ऐसा नहीं है सोलोगैमी में लड़की मांग भी भरती है और फेरे भी लेती है। यह एक बाकी शादियों की तरह ही की जाती है। 

महिलाएं सोलोगैमी को ज्यादा अपनाती हैं

आजकल की महिलाएं खुद कमाती हैं वे किसी पर निर्भर नहीं है। इसलिए वे अपना ध्यान भी रख सकती हैं। उन्हें लगता है की पुरुष उनका साथ छोड़ देंगे। इसलिए वे ज्यादा महिलाएं अपनाती हैं।

– सोलोगैमी का मतलब कोई व्यक्ति नहीं है बल्कि खुद का खुद से जुड़ाव है। 

– आजकल जो लड़कियां लड़कों में इच्छा नहीं रखती हैं वे भी सोलोगैमी अपना रही हैं।

– इसमें महिलाएं अपने आप पर ही निर्भर रहती हैं।

 

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