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जानिए कैसा रहा लता मंगेशकर से भारत स्वर कोकिला बनने तक का सफर

बॉलीवुड की दिग्गज गायिका लता मंगेशकर जिन्हें भारत के लाखों फैन्स ने “भारत स्वर कोकिला” की उपाधि दी। उनका निधन रविवार की सुबह हो गया।

इस समाचार के आते ही बॉलीवुड समेत पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गयी। आज हम उनके द्वारा संगीत जगत को दिए गए उनके योगदान पर प्रकाश डाल रहे है।

28 सितंबर, 1929

इस तारीख को गायिका लता जी का मध्यप्रदेश के इंदौर में जन्म हैं। उनके पिता का नाम पंडित दीनानाथ मंगेशकर और माता का नाम शेवंती हरिदास लाड था। उनके पिता एक प्रसिद्ध मराठी थिएटर के अभिनेता और हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीतकार थे। वह अपने पांच भाई- बहनों में सबसे बड़ी थीं, जिनका नाम उषा, मीना, आशा और हृदयनाथ था।

1930

सन 1930 में अपने पिता द्वारा लिखे गए मराठी नाटकों में लता मंगेशकर अभिनय करने की शुरुआत की थी।  इसके साथ-साथ वह इनमें गाती भी थीं।

1942

मात्र 13 साल आयु में उन्होंने पहला पार्श्व गाना गाया था। यह गाना  एक मराठी फिल्म था, जिसका नाम ‘किटी हसाल’ था। इसी साल उन्होंने ‘पाहिली मंगलगौर’ नामक मराठी फिल्म में अभिनय भी किया। सफलता की सीडी चढ़ते इस सफर के पहले मुकाम पर ही उन्होंने अपने पिता को खो दिया।

1946

पिता के निधन के बाद लता जी ने वसंत जोगलेकर द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आप की सेवा में’ के लिए पहला हिंदी गाना रिकॉर्ड किया। एक साल पहले अपनी छोटी बहन आशा के साथ उन्होंने एक फिल्म में अभिनय किया था।

1940 का दशक
1940 के दशक में बाजार घराने के उस्ताद अमन अली खान से लता जी ने ट्रेनिंग ली। उस्ताद अमन अपनी मेरुखंड शैली के लिए प्रसिद्ध थे। एक बार उनके बारे में बात करते हुए लता ताई ने कहा था,”खान साहब एक बहुत ही दयालु, व्यवस्थित और परोपकारी गुरु थे।”

1949

लता जी ने  20 साल की उम्र में बॉलीवुड खास किरदार के लिए उनकी आवाज लोगों की पसंद बन गई थीं। मधुबाला स्टारर फिल्म ‘महल’ में उन्होंने अपने करियर का एक ब्रेकर्थू गाना ‘आयेगा आने वाला ‘ गाया और फिल्म ‘बरसात’ में उन्होंने नौ गाने गाए थे।

1950 से 60 तक का दशक

60 के दशक में लता जी हिंदी सिनेमा की सबसे लोकप्रिय पार्श्व गायिका के रूप अपना स्थान बनाया था। अनिल विश्वास, नौशाद अली, मदन मोहन, एसडी बर्मन, सी रामचंद्र, खय्याम सहित अपनी पीढ़ी के कुछ सबसे उल्लेखनीय संगीतकारों के साथ काम किया। उन्होंने किशोर कुमार से लेकर मोहम्मद रफी तक, इन जैसे महान पुरुष पार्श्व गायकों के साथ गाया।

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