शामली ने उद्योगों के लिए विश्व में बनाई अलग पहचान, जानिए इसकी खासियत
कभी ‘कुरू’ क्षेत्र का हिस्सा था शामली जिला
उत्तर प्रदेश के नए बनाए गए जिलों में से एक है शामली जनपद। इससे पूर्व ये प्रबुद्धनगर जिले के नाम से अस्तित्व में आया था। बता दें कि शामली जिला पहले मुजफ्फरनगर जिले का चर्चित तहसील हुआ करता था। ये जिला पूर्व में मुजफ्फरनगर, पश्चिम में हरियाणा (पानीपत), उत्तर में सहारनपुर एवं दक्षिण में बागपत जिले से घिरा हुआ है।
शामली में जनसंख्या
शामली जिले का क्षेत्रफल 1167.58 वर्ग किमी है। जबकि जनगणना 2011 के अनुसार जनपद की जनसंख्या 13,13,650 है। इनमें पुरुषों की जनसंख्या 6,99,390 और महिलाओं की जनसंख्या 6,14,260 है। शामली में हिंदी, उर्दू और पंजाबी भाषा प्रयोग में लाई जाती है।
शामली का इतिहास
कहा जाता है कि शामली जिला कभी ‘कुरू’ क्षेत्र का हिस्सा था। महाभारत काल में इसका उल्लेख शालिभवन के रूप में किया गया है। कहा जाता है कि प्राचीन समय में यह शामली का पुराना नाम हो सकता है। कहानी यह भी है कि भगवनान कृष्ण ने महाभारत का युद्ध टालने की आखिरी कोशिश यहीं की थी। वापस जाते समय भगवान रात में यही रुके थे, जिस कारण इसका पिछला नाम “श्यामवली” था। यहां एक हनुमान टीला है, जिसे महान योद्धा भीम ने बनवाया था।
आजादी के समय यह पंजाब से सटा था। 1857 में पहली बार विद्रोह भी यही से हुआ था। अगर आप शामली जिले में हैं तो आपको बहुत सारे तालाब देखने को मिलेंगे। वर्तमान समय में शामली जिला हरियाणा राज्य की सीमा पर है। पानीपत और खटीमा मार्ग पर स्थित है। शामली दिल्ली से 100 किमी, सहारनपुर से 65 किमी और मुजफ्फरनगर से 38 किमी दूर है।
शामली में उद्योग
शामली जिला राष्ट्रीय स्तर पर चीनी और गुड़ के लिए प्रसिद्ध है। यहां बनने वाले रिम और एक्सल की मांग नेशनल व इंटरनेशनल मार्केट में भी है, जिनकी करीब 30 इकाइयां स्थापित हैं। शामली के उत्पाद भूटान, श्रीलंका, नेपाल और अफ्रीका जैसे विभिन्न देशों में निर्यात किए जाते हैं। रिम और एक्सल की इकाइयां उद्योग जिले की अर्धकुशल एवं अकुशल आबादी के एक बहुत बड़े हिस्से को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं। इसके अलावा शामली में प्रमुख उद्योग रिम-धुरा उद्योग, पेपर मिल, चीनी मिल एवं डिस्टिलरी, रोलिंग मिल एवं स्टील इकाइयां, फार्मास्यूटिकल्स इकाइयां, रासायनिक इकाइयां, कृषि उपकरण इकाइयां, खाद्य इकाइयां, आटा मिल/बेसन इकाइयां, कास्टिंग इकाइयां, प्लास्टिक एवं रबर उद्योग, स्टील एवं एल्यूमीनियम बर्तन उद्योग, डिस्पोजल प्लास्टिक क्रॉकरी, किचन सामग्री उद्योग, पशु-चारा उद्योग, पैकेजिंग उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण और विद्युत उद्योग हैं।
शामली में उपज
भूमि काफी उपजाऊ होने के चलते शामली काफी विकसित एवं समृद्ध जिला माना जाता है। सरसों, गेहूं, गन्ना यहां की प्रमुख फसलें हैं। पशुपालन भी इस क्षेत्र में वृहद पैमाने पर होता है। यहां की भूमि का करीब 5484 हेक्टयर वनीय क्षेत्र है।
दर्शनीय स्थल
हनुमान टीला
जैन मंदिर
गुरुद्वारा
पीर बिरोली
कर्ण का तालाब
शामली की विधानसभा सीटों के मौजूदा विधायक:
शामली- तेजेंद्र निर्वाल, भारतीय जनता पार्टी
कैराना- नाहिद हसन, समाजवादी पार्टी
थाना भवन- सुरेश कुमार, भारतीय जनता पार्टी।