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खेलो इंडिया यूथ गेम्स, क्या है इसकी आवश्यकता?
पूरी दुनिया मैं हर कोई पढ़ाई के महत्व को अच्छी तरीके से जानता है। यही वजह है कि हर कोई बच्चों को पढ़ाई में निपुण बनाने में लगे रहते हैं। लेकिन पढ़ाई के साथ-साथ खेल का भी क्या महत्व है इस बारे में लोग जानते तो है लेकिन इसके लिए कुछ करते नहीं है। विदेशों में पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद पर भी ध्यान दिया जाता है। लेकिन भारत देश में अब शिक्षा प्रणाली ऐसी हो गई है कि बच्चों को पढ़ाई के बाद खेलकूद पर ध्यान देने का समय ही नहीं मिलता है। माता पिता अपने बच्चों को मात्र पढ़ाई में ही व्यस्त रहते हुए देखना चाहते हैं। लेकिन इसी के साथ खेलकूद की वजह से अपने बच्चों में हो रहे सकारात्मक बदलावों के बारे में जानना ही भूल जाते हैं।
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यही वजह है की भारत की केंद्र सरकार ने इसके लिए एक नए प्रोग्राम की शुरुआत की है। इस प्रोग्राम का नाम खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रोग्राम (Khelo India Youth Games) है। आज हम आपको सरकार के द्वारा शुरू किए गए इसी आवश्यक प्रोग्राम के बारे में बताने जा रहे हैं। इसमें हम आपको यह भी बताएंगे कि खेल का जीवन में क्या महत्व होता है जिसको जानकर सरकार ने यह प्रोग्राम शुरू किया है और इससे भारत में लोगों को क्या फायदा होने वाला है।
क्या है खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रोग्राम?
भारत देश में पढ़ाई पर बहुत अधिक जोर दिया जाता है। लेकिन पढ़ाई पर ध्यान देने के साथ-साथ लोग धीरे-धीरे यह भी भूलते जा रहे हैं कि खेलों का हमारे जीवन में क्या महत्व होता है। स्कूली शिक्षा में बच्चों के किताबी ज्ञान पर अधिक जोर दिया जाता है। ज्यादातर स्कूलों में ऐसा होता है कि खेल कूद और शारीरिक क्रीडा ऊपर अधिक ध्यान नहीं देते हैं।
इस बात से हर कोई अच्छे से अवगत है कि जिस प्रकार बच्चों के लिए भारत के युवा पीढ़ी के लिए पढ़ाई आवश्यक है उसी प्रकार खेलकूद भी उतना ही आवश्यक है। इसकी मदद से बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है। यही वजह है की इस प्रोग्राम की देश को आवश्यकता पड़ गई।
खेलो इंडिया यूथ गेम (Khelo India Youth Games) की शुरुआत वर्ष 2018 में की गई थी ।इसका आरंभ खेल मंत्री कर्नल राजयवर्धन सिंह राठौड़ द्वारा खेल संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए किया गया है ।इस कार्यक्रम का आयोजन खेल क्रीड़ाओं के साथ हर वर्ष जनवरी के महीने में किया जाता है और भारत देश के स्कूल तथा कॉलेज के बच्चे इस कार्यक्रम के प्रतिभाग कर सकते है । यह कार्यक्रम देश के युवाओ के बीच खेल को बढ़ावा देने के लिए और भारत देश को महान खेल राष्ट्र बनाने के मकसद से आरम्भ किया गया है ।
इस कार्यक्रम का पहला संस्करण 31 जनवरी 2018 में नयी दिल्ली के इंदिरा गाँधी इंडोर स्टेडियम में किया गया था और दूसरा संस्करण पुणे,महाराष्ट्र में 9 जनवरी से 20 जनवरी 2019 तक आयोजित किया गया था। इस प्रोग्राम के तहत ₹5 लाख की वित्तीय राशि प्रदान की गई थी।
क्या है इसकी आवश्यकता?
हमारे देश में खेलों को बच्चों शिक्षा में बाधक माना जाता है। जहां हमारे यहां हमारे इतिहास में खेलों को भी आवश्यक माना जाता था वहीं अब धीरे-धीरे लोगों की सोच बदल कर खेलों के विपक्ष में हो गई है।परिवार के बड़े बच्चों को खेलकूद के प्रति हतोत्साहित किया करते हैं क्योंकि उनका मानना है कि इससे बच्चों का ध्यान पढ़ाई–लिखाई से हट जाता है और वे जीवन में पिछड़ जाते हैं। उदाहरण के तौर पर एक कहावत प्रचलित है–’पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होगे खराब।’
सच कहें तो यह कहावत एकदम झूठ ही है। खेल जीवन और शरीर को सँभालने के लिए जरूरी हैं और शिक्षा के समान ही आवश्यक हैं। लोगों की इस सोच का परिणाम यह है कि खेलों के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए हमारे यहाँ कोई व्यवस्था ही नहीं है। इससे पहले की सरकार का खेलों को बढ़ावा देने की सुनिश्चित नीति न होने के कारण, खेलने के मैदानों में बस्तियाँ बस गई हैं और हालात खराब हो गए ।कई स्कूलों के पास कोई प्ले ग्राउण्ड बचा ही नहीं है, न खेलने का सामान है और न खेलों के लिए किसी प्रकार एक धन की कोई व्यवस्था है।
यही चीज है भारत देश में खेलकूद की स्थिति को साफ दर्शाते हैं। खेलकूद की मदद से शारीरिक विकास तो होता ही है साथ ही साथ मानसिक विकास भी होता है। एक ताज़ा सर्वेक्षण से पता चला है कि खेल कूद में एक्टिव बच्चों में संज्ञानात्मक कौशल का विकास तीव्रता से होता है। निष्क्रिय बच्चों की तुलना में वे अच्छी तरह से हर जगह ध्यान केन्द्रित कर पाते हैं और अपने मस्तिष्क का उपयोग भी अधिक अच्छी तरह कर पाते हैं।
कौन कर सकता है आवेदन?
इस प्रोग्राम (Khelo India Youth Games) के अंतर्गत भारत का हर छात्र आवेदन कर सकता है। इसमें जिन छात्रों की आयु 17 वर्ष से कम वह उम्मीदवार अंडर 17 वर्ग में खेल सकते है और जिनकी आयु 21 वर्ष से कम है वह अंडर 21 श्रेणी में खेल सकते है । सभी के लिए अलग-अलग श्रेणियां बनाकर सरकार ने बच्चों के काम को और भी आसान बनाया है।
क्या क्या होगा प्रोग्राम में?
इस प्रोग्राम के अंतर्गत जिन खिलाड़ियों का चयन किया गया है उन्हें खेल कौशल के विकास के लिए सालाना 5 लाख रूपये दिए जायेगे। इसके बाद राष्ट्रीय आयोजन के लिए उन्हें खुद को तैयार करना होगा। यह वित्तीय सहायता लाभार्थियों को 8 वर्षो तक प्रदान की जाएगी जिससे उनको मदद मिलेगी।
इस प्रोग्राम के अंतर्गत कई खेल होते हैं। इसका मतलब यह है कि बच्चों को किसी एक खेल में माहिर होने की आवश्यकता नहीं है वह जिस खेल में माहिर है उसको आराम से खेल सकते हैं। खेलो इंडिया यूथ गेम्स प्रोग्राम के अंतर्गत एथलेटिक्स, तीरंदाजी, बास्केटबॉल, मुक्केबाजी, बैडमिंटन, साइकिलिंग, शतरंज, फुटबॉल, जिमनास्टिक्स, हॉकी, हैंडबॉल, जूडो, कराटे, खो-खो, कबड्डी, निशानेबाजी, तैराकी, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, टेनिस, भारोत्तोलन , वॉलीबॉल, कुश्ती और वुशू आते हैं। इसके के तहत हर वर्ष करीब 1000 बच्चो को चुना जायेगा ।
क्या हैं प्रोग्राम की विशेषताएं?
इस प्रोग्राम में मुख्य तौर पर बच्चों की शारीरिक विकास और उनमें खेल के लिए प्रोत्साहन देने का कार्य किया गया है । इसके कुछ मुख्य विशेषताएं इस प्रकार है –
–भारत में खेल और खेल के विकास को बढ़ावा देने के लिए युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय द्वारा खेलो इंडिया कार्यक्रम की शुरुवात की गई है।
–केंद्र सरकार का इस खेलो इंडिया यूथ गेम को शुरू करने का उद्देश्य है कि स्कूलो और कॉलेज के बच्चो के हुनर को बढ़ाना है।
–इस प्रोग्राम की मदद से खेल टीम की भावना को विकसित करने में मदद करना है।
–इसकी मदद से जो बच्चे खेल में रूचि रखते है उनको खेल को दुनिया में अपना करियर बनाने का मौका दिया जाता है।
–इसके लिए चयनित बच्चों को कौशल के विकास के लिए सालाना 5 लाख रूपये दिए।
–इसमें करीबन हजार बच्चों को सालाना चुना जाता है।
क्या हैं रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक दस्तावेज?
जो युवा खेलो इंडिया यूथ गेम्स (Khelo India Youth Games) में भाग लेने के लिए आवेदन करना चाहते है वह इसकी ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते है ।इसके लिए लाभार्थी किसी भी स्कूल का छात्र होना चाहिए।
इसके आवश्यक दस्तावेज इस प्रकार हैं:
आधार कार्ड
बैंक अकाउंट पासबुक विवरण
जन्म प्रमाण पत्र स्कूल बोनफाइट प्रमाण पत्र
पहचान प्रमाण पत्र
पासपोर्ट साइज फोटो
अगर आप भी अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए उनमें खेलकूद के प्रति सकारात्मक भावना उत्पन्न करना चाहते हैं तो इस प्रोग्राम के बारे में जरूर बताएं।