
कानपुर के हैलट में 50 की सेवाएं समाप्त, सिस्टर इंचार्ज और फार्मेसिस्ट का इंक्रीमेंट रोका
यूपी के कानपुर में स्थित हैलट में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद भी उनके नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी कराने के मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है। GSVM मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला ने शुक्रवार को आउटसोर्सिंग में तैनात 50 कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने के साथ ही तीन स्थायी कर्मियों का इंक्रीमेंट भी रोक दिया।
साथ ही कर्मियों को बर्खास्तगी की चेतावनी देते हुए नोटिस जारी किया गया। 12 जून को हैलट के कोविड न्यूरो साइंस भवन में कोरोना के मृत मरीजों के नाम पर रेमडेसिविर इंजेक्शन जारी कराने का खुलासा किया था। जिलाधिकारी आलोक तिवारी की जांच में इसकी पुष्टि भी हुई थी।
मामले में सिस्टर इंचार्ज अंजूलिका और फार्मेसिस्ट नागेंद्र वाजपेयी, संजीव सिंह निलंबित हो चुके हैं। GSVM मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डॉ. गणेश शंकर ने बताया कि दो महीने पहले कोविड न्यूरो साइंस भवन में तैनात रहीं सिस्टर इंचार्ज अंजूलिका, फार्मेसिस्ट नागेंद्र वाजपेयी, संजीव सिंह के खिलाफ आरोप सिद्ध हुए हैं।
50 अन्य स्टाफ नर्सों, वार्डब्वाय, सफाई कर्मियों, गार्डों के खिलाफ भी आरोप सिद्ध हो गए हैं। इस पर सिस्टर इंचार्ज और दोनों फार्मेसिस्टों का एक साल का इंक्रीमेंट रोक दिया गया है। दोषी पाए गए अन्य स्टाफ आउट सोर्सिंग में तैनात थे, उनकी सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं।