पूर्व राष्ट्रपति से मिले जेपी नड्डा, वन नेशन-वन इलेक्शन पर बनी कमेटी अध्यक्ष होंगे रामनाथ कोविंद
केंद्र ने एक देश एक चुनाव को लेकर बनाई कमेटी, छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम सिंहदेव ने किया समर्थन
नई दिल्ली: केंद सरकार ने ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ (एक देश, एक चुनाव) पर एक कमेटी का गठन कर दिया है। न्यूज एजेंसी PTI के अनुसार, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। आज इसकी अधिसूचना भी जारी हो सकती है। इस बीच केंद्र सरकार ने 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है और संभवना जताई जा रही है कि सरकार ‘एक देश, एक चुनाव’ पर बिल भी ला सकती है।
केंद्र की बनाई कमेटी ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के कानूनी पहलुओं पर गौर करेगी। साथ ही इसके लिए आम लोगों से भी राय लेगी। इसी बीच शुक्रवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पूर्व राष्ट्रपति कोविंद से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। हालांकि, इस मुलाकात का कारण सामने नहीं आया है।
विपक्ष ने मोदी सरकार से पूछा सवाल
उधर, लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने पूछा कि सरकार को आखिर अचानक ‘एक देश, एक चुनाव’ की जरूरत क्यों पड़ गई? जबकि, कांग्रेस नेता और छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मैं ‘एक देश, एक चुनाव’ का स्वागत करता हूं। यह नया नहीं, पुराना ही आइडिया है।
क्या है ‘एक देश-एक इलेक्शन?’
वन नेशन-वन इलेक्शन (एक देश-एक चुनाव) का मतलब हुआ कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभा के चुनाव कराये जाना। आजादी के बाद 1952, 1957, 1962 और 1967 में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही होते थे, लेकिन 1968 और 1969 में कई विधानसभाएं समय से पहले ही भंग कर दी गईं। इसके बाद सन् 1970 में लोकसभा भी भंग कर दी गई। इस कारण से ‘एक देश-एक चुनाव’ की परंपरा टूट गई। अब मोदी सरकार इसे फिर से शुरू करने पर विचार कर रही है।