![तालिबान](/wp-content/uploads/2021/09/joe-biden-and-ashraf-gani-spoke-phone-call-leaked.jpg)
तालिबान के कब्जे के बाद सामने आई जो बाइडेन और अशरफ गनी की आखिरी बातचीत
तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा किए हुए काफी समय बीत गया है। कई अफगानियों ने अपने देश को छोड़ दिया है। अमेरिकी सेना भी अफगानिस्तान छोड़ चुकी है। वहीं अब अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की आखिरी फोन कॉल की बातचीत वायरल हो रही है।
ये बातचीत 23 जुलाई की है। रॉयटर्स ने बाइडेन और गनी के बीच आखिरी फोन कॉल के कुछ हिस्से जारी किए हैं। ये बातचीत बाइडेन और अशरफ गनी के बीच करीब 14 मिनट तक बात चली थी। उन्होंने सैन्य सहायता, राजनीतिक रणनीति आदि पर चर्चा की थी। लेकिन उनमें से किसी ने भी अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे की संभावना का जिक्र नहीं किया था।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बाइडेन ने गनी से कहा था, “अफगानिस्तान और दुनियाभर के कुछ हिस्सों में तालिबान के खिलाफ लड़ाई के मामले में चीजें ठीक नहीं चल रही हैं। हमें एक अलग तस्वीर पेश करने की जरूरत है, फिर चाहें सच हो या नहीं।”
बाइडेन चाहते थे कि राष्ट्रपति अशरफ गनी की ओर से जनरल बिस्मिल्लाह खान को तालिबान से लड़ने की जिम्मेदारी सौंपी जाए।
बाइडेन ने गनी को भरोसा दिलाया था कि अमेरिकी सेना ने जिन तीन लाख अफगान सैनिकों को तैयार किया है, वह 70-80 हजार तालिबानियों का मुकाबला कर सकते हैं। बाइडेन ने गनी को भरोसा देते हुए कहा, ‘हम कूटनीतिक, राजनीतिक, आर्थिक रूप से कठिन संघर्ष जारी रखेंगे कि आपकी सरकार न केवल जीवित रहे।
बल्कि कायम रहे और आगे बढ़े क्योंकि यह स्पष्ट रूप से अफगानिस्तान के लोगों के हित में है कि आप सफल हों और आप नेतृत्व करें।
वहीं गनी ने कहा था, ‘हम एक बड़े पैमाने पर आक्रमण का सामना कर रहे हैं। पाकिस्तान पूरी तरह से तालिबान का समर्थन कर रहा है, कम से कम 10 से 15 हजार अंतरराष्ट्रीय आतंकियों में मुख्य रूप से पाकिस्तानी शामिल हैं।